कुंभ मेलों में शाही जुलूस, शाही स्नान, पेशवाई, जमातें, लाव-लश्कर और जखीरों का जिक्र आते ही आम लोगों के जहन में तमाम सवाल उठते हैं। जानने की उत्सुकता भी होती है आखिर इनका इतिहास क्या है और उर्दू लफ्जों से जुड़ाव क्यों है। दरअसल, ये सब संतों के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन हैं।