हरिद्वार में नागा संन्यासियों के सबसे प्राचीन एवं बड़े अखाड़े श्रीपंच दशनाम जूना में नागा संन्यासियों को दीक्षित करने का पहला चरण बृहस्पतिवार को पूरा हो गया। माईबाडे़ की 200 महिला संन्यासियों को आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने प्रेयस मंत्र दिया।
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नागा संन्यास की दीक्षा लेने वालों में गाजियाबाद की भाजपा महिला नेता और वृंदावन के रेलवे अधिकारी (अप्रा) भी शामिल हैं। जूना अखाड़े की ओर से दो दिन पहले एक हजार पुरुष नागा संन्यासियों को दीक्षा दी गई थी।
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बुधवार से दुखहरण हनुमान मंदिर निकट बिड़ला पुल के पास 200 महिला नागा संन्यासियों के दीक्षा संस्कार की प्रक्रिया शुरू हुई। बृहस्पतिवार सुबह ब्राह्ममुहूर्त में जूना पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि ने संन्यासियों को प्रेयस मंत्र देकर संन्यास प्रक्रिया पूरी कराई।
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नागा संन्यास दीक्षा लेने वालों में माई कैलाश गिरि एवं नागा संन्यासी महंत रमेश गिरि प्रमुख रहे। दोनों दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि के शिष्य हैं।
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