उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में हुई पुलिसकर्मी मोहित जोशी की हत्या से परिवार में कोहराम मचा है। मोहित के सहकर्मी पुलिस कांस्टेबल के जरा से गुस्से ने हंसते-खेलते परिवार को बर्बाद कर दिया। अब बेटे के जन्मदिन के दिन घर से पिता की अर्थी उठेगी।
कांस्टेबल मोहित जोशी सितंबर माह में अपनी भतीजी के नामकरण में सपरिवार अपने घर आया था। उसने बेटे के जन्मदिन पर घर आने का वायदा किया था। 7 जनवरी को उसके बेटे रौनक का पांचवां जन्मदिन है। बेटे का जन्मदिन उसने परिवार के साथ मनाने की इच्छा जताई थी।
लेकिन ये विडंबना ही है कि बेटे के जन्मदिन पर उसका शव घर पहुंचेगा। मोहित अपनी माँ लीला जोशी और इकलौते भाई राजीव उर्फ रिंकू से बहुत प्यार करता था। मोहित की मौसी सावित्री ने बताया कि एक जनवरी को उसने फोन कर अपनी मां, भाई और चचेरे भाइयों से बात की थी। घर में दादा-दादी पोते के जन्मदिन मनाने की तैयारियों में जुटे थे। लेकिन दुर्भाग्य से पोते के जन्मदिन के दिन ही बेटे का शव घर पहुंचेगा।
बता दें कि पुलिस लाइन में तैनात पुलिस जवान को उसके साथी जवान ने ही खाई में धक्का देकर मार डाला। उसका शव पांचवें दिन खाई से बरामद हुआ। पुलिस ने आरोपी पुलिस कर्मी गिरीश जोशी के खिलाफ धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है। गिरीश जोशी दन्यां अल्मोड़ा के धूरा का रहने वाला है। पुलिस ने सहकर्मी कांस्टेबल को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने मोहित की हत्या करने का जुर्म कबूल लिया।
सख्ती से पूछताछ करने पर गिरीश जोशी ने बताया कि 11 दिसंबर को उसके कमरे की किसी ने बाहर से कुंडी लगा दी थी। उसे इसका शक मोहित जोशी पर था। इसको लेकर दोनों में विवाद भी हुआ था। इसके बाद दो जनवरी को वह अपनी अल्टो कार से मोहित जोशी को अपने साथ लेकर गया और बांस रोड में कफलडुंगरी के पास जब मोहित पहाड़ी की ओर लघुशंका करने लगा तो गिरीश ने उसे खाई में धक्का दे दिया।