रानी-मुन्नी के श्राप से मुक्ति और पश्चाताप के लिए दोनों गांव के बीच सदियों से दशहरा के दिन गागली युद्ध होता आ रहा है। रविवार को भी दोनों गांव के लोगों ने करीब एक घंटे तक आपस में युद्ध किया। जिसके बाद दोनों गांव के लोगों ने एक-दूसरे को गले मिलकर पाइंता पर्व की बधाइयां दी।