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Akash Madhwal: इंजीनियर से मुंबई इंडियन्स के स्टार बनने की कहानी, जब 300 रुपये के इस फॉर्म ने बदल दी किस्मत

संवाद न्यूज एजेंसी, रुड़की Published by: रेनू सकलानी Updated Fri, 26 May 2023 11:57 AM IST
Akash madhwal Story Mother made son engineer in poverty Cricket Sports Roorkee Uttarakhand news in hindi
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आकाश मधवाल ने पांच साल पहले अपनी मां को फोन कर बताया कि वह उत्तराखंड में क्रिकेट ट्रायल के लिए 300 रुपये का फार्म भर रहा है। मां ने हां कह दिया। उस समय उन्हें इस बात का अहसास भर नहीं था कि यही फार्म उनके बेटे के लिए आईपीएल तक पहुंचने की राह तैयार कर रहा है।

आज रुड़की से लेकर मुंबई तक छाई अपने बेटे की तस्वीर को देखकर मां बस यही कहती है ये सब उसके पिता और ईश्वर के आशीर्वाद की बदौलत है। अमर उजाला से एक खास इंटरव्यू में क्रिकेटर आकाश मधवाल की माता आशा मधवाल ने उनके जीवन में आए बदलावों और संघर्षों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बीटेक के बाद उनका बेटा इंजीनियर बन गया था लेकिन क्रिकेट खेलने का सिलसिला जारी था।

आकाश को नेट बॉलर के रूप में रखा गया
इसी बीच उत्तराखंड को बीसीसीआई की मान्यता मिल गई थी। यह 2018 की बात है। जब एक दिन आकाश का फोन आया और उसने बताया कि वह ट्रायल के लिए 300 रुपये का एक फार्म भर रहा है। इस पर उसने हामी भर दी। फार्म भरने के बाद उसका सेलेक्शन हो गया। इसके बाद खेल में और ज्यादा निखार आने लगा। उसके अधिकारी भी खेल से प्रभावित हो रहे थे। इसी बीच आईपीएल में आरसीबी ने खेल को देखकर आकाश को नेट बॉलर के रूप में रख लिया।
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बाद में मुंबई इंडियन की तरफ से आकाश के नाम की बोली नहीं लगी लेकिन मुंबई इंडियंस ने आकाश को सूर्य कुमार यादव की जगह रिप्लेसमेंट के रूप में ले लिया।
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इसके बाद से आकाश मधवाल आगे बढ़ते गया और आज मुंबई इंडियन की तरफ से खेलते हुए तरक्की को छू रहा है।
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मां आशा मधवाल बताती हैंकि इंटर के बाद आकाश का इंजीनियरिंग में सोनीपत में एडमिशन हो गया था लेकिन आकाश का मन नहीं लगा। जिस पर उसने मां से कहा कि क्या वे उसका एडमिशन रुड़की में कोर कॉलेज में करा सकती है।
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इस पर मां ने कहा कि यदि बेटा हर शाम को घर आ सकता है तो इस पर हर्ज ही क्या है। इस पर उन्होंने आकाश का एडमिशन रुड़की कोर कॉलेज में करा दिया। वहां से आकाश ने बीटेक की पढ़ाई पूरी कर बहादराबाद ब्लॉक में इंजीनियर की नौकरी हासिल की।
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