तिरंगे में लिपटा शहीद हवलदार निर्मल सिंह का पार्थिव शरीर जैसे ही गांव की सीमा में पहुंचा तो हर आंख नम हो गई। भारत माता के इस वीर सपूत के अंतिम दर्शन के लिए कोई घर की छत पर खड़ा था तो कोई दीवारों पर। गर्व और गम में डूबे गांव जनसूई में इतना जनसैलाब उमड़ गया कि गांव की गलियां ही छोटी पड़ गई।