पंजाब के लुधियाना में एक दिल दहला देने वाली घटना हुई। यहां 24 वर्षीय लड़की का शव मिलने पर हड़कंप मच गया। मगर असली सनसनी तो तब फैली जब हत्या की वजह का खुलासा हुआ। लड़की 24 साल की थी। गांव रसूलपुर की रहने वाली थी। शव गांव सुधार व बोपाराय की लिंक सड़क पर मिला। दरसअल, लड़की का शव उसके ही प्रेमी परमप्रीत सिंह परम के स्टड फार्म से बरामद हुआ है। लड़की अपने घर से 12 तोला सोना और 20000 हजार रुपये लेकर परम और उसके दोस्त एकमप्रीत के साथ गई थी। मगर जसपिंदर कौर की उसी दिन कार में गला दबाकर हत्या कर दी गई। बाद में शव को जलाकर स्टड फार्म के पीछे गड्ढे में दबा दिया गया। ड्यूटी मजिस्ट्रेट एवं सिधवां बेट के नायब तहसीलदार मलूक सिंह की देखरेख में जेसीबी की मदद से शव को निकाला गया।
फॉरेंसिक टीम के प्रभारी दविंदर सिंह ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सुधार के सिविल अस्पताल भेज दिया। मुख्य आरोपी परमप्रीत सिंह को लेकर हठूर पुलिस मौके पर पहुंची और उसी की निशानदेही पर ही शव को निकाला गया। डीएसपी रायकोट रछपाल सिंह ढींडसा ने बताया कि मुख्य आरोपी परमप्रीत सिंह उर्फ परम, उसके भाई भवनप्रीत सिंह उर्फ भवना, दोस्त एकमप्रीत सिंह निवासी घुमाण और हरप्रीत सिंह निवासी मंसूरां को गिरफ्तार कर लिया गया है। हत्त्या में इस्तेमाल भवनप्रीत की कार को भी कब्जे में ले लिया गया है। परम और एकमप्रीत ने मिलकर जसपिंदर का कत्ल किया था और भवनप्रीत और हरप्रीत ने शव को ठिकाने लगाने में मदद की थी।
मृतक जसपिंदर कौर मुख्य आरोपी परम की दूर की रिश्तेदार है और दोनों में पिछले लंबे समय से प्रेम-प्रसंग था। डीएसपी ढींडसा ने बताया कि हत्याकांड में कुछ अन्य वाहनों और लोगों की भूमिका सामने आई है। मुकदमे में कुछ अन्य लोगों को भी नामजद किया जा सकता है। अपने प्रेमी परमप्रीत सिंह उर्फ परम के साथ शादी करने का सपना लेकर जसपिंदर कौर घर से 24 नवंबर को 12 तोले सोना और 20 हजार रुपये की नकदी लेकर पहुंची थी। भवनप्रीत की पोलो कार में जगरांव के अखाड़ा पुल से परम और उसके दोस्त एकमप्रीत ने उसे कार में बैठाया और रायकोट की तरफ निकल गए।
रास्ते में जसपिंदर परम पर शादी का दबाव बनाने लगी और परम ने साफ इंकार कर दिया। इसी लड़ाई झगड़े में ददाहूर के समीप नहर पर परम और एकमप्रीत ने जसपिंदर को गला दबाकर मार दिया। शव को ठिकाने लगाने के लिए परम और एकमप्रीत कार को इधर-उधर घुमाते रहे। अबोहर ब्रांच नहर के नारंगवाल बिजली ग्रिड के समीप सुनसान जगह देख दोनों ने शव को नहर में फेंक दिया। नहर में पानी कम था। घबराकर अगले दिन 25 नवंबर को जसपिंदर कौर के शव को नहर से निकालकर परम अपने एक रिश्तेदार की ऑप्ट्रा कार में सुधार गांव स्थित अपने स्टड फार्म पर ले आया।
स्टड फार्म पर चारों आरोपी मौजूद थे। चारों ने मिलकर जसपिंदर कौर के शव को पराली से जलाने की कोशिश की लेकिन शव अधजला रह गया। आरोपियों ने इलाके के एक जेसीबी ऑपरेटर को स्टड फार्म पर बुलाया और कहा कि उनका घोड़ा मर गया है। घोड़ा दफनाने के लिए गड्ढा खोदना है। जेसीबी ऑपरेटर स्टड फार्म के पीछे गड्ढा खोद कर चला गया। बाद में आरोपियों ने जसपिंदर कौर के शव को भारी मात्रा में नमक डालकर गड्ढे में दफना दिया। इसके बाद सब ने वहीं शराब पी और अपने-अपने घरों को निकल गए।