खालिस्तान समर्थक एवं 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख अमृतपाल सिंह पंजाब से भाग निकला है। पंजाब से निकलकर वह हरियाणा के शाहाबाद में एक महिला के घर पर रुका था। पंजाब और हरियाणा की पुलिस ने एक संयुक्त अभियान में बलजीत कौर नाम की महिला को गिरफ्तार कर लिया है। पंजाब पुलिस के आईजी (मुख्यालय) सुखचैन सिंह गिल ने गुरुवार को चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस के मुख्यालय में प्रेसवार्ता में यह अहम जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पुलिस ने अमृतपाल को लेकर सभी राज्यों को अलर्ट भेज दिया है। नए फोटो भी भेजे जा रहे हैं, ताकि आरोपी को काबू किया जा सके।
बाइक छीनकर भागा अमृतपाल
पुलिस के मुताबिक जालंधर ग्रामीण पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां अमृतपाल का पीछा कर रही थीं। हालांकि वह लगातार वाहन बदल रहा था। इस दौरान वह गांव शेखुपुरा के पास स्थित गुरुद्वारा साहिब के बाहर से एक बाइक छीनकर अपने साथी पपलप्रीत के साथ आगे बढ़ा लेकिन आगे नदी पड़ती थी। काफी देर तक उसने नाव का इंतजार किया लेकिन जब कामयाबी नहीं मिली तो वह लॉडोवाल के पास स्थित एक पुराने पुल से उसने नदी पार की। दोनों लॉडोवाल रेलवे स्टेशन के पास भी काफी देर तक घूमते रहे। वहां से रात के समय ऑटो में सवार होकर फिर रवाना हुआ। 19 मार्च की रात वह कुरुक्षेत्र के शाहाबाद स्थित एक महिला के घर पर ही रुका।
साथी ने खोला हरियाणा के ठिकाने का राज
पंजाब के जालंधर के शाहकोट में अमृतपाल सिंह की मदद करने वाले चार लोगों को पुलिस उठाया था। इन्हीं में एक नाम गुरपेज सिंह का है। उसने पूछताछ में बताया कि अमृतपाल सिंह हरियाणा में बलजीत कौर के पास जाकर छिप सकता है। इसके बाद 22 तारीख को पंजाब पुलिस ने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर बलजीत कौर के यहां दबिश दी और उसे दबोच लिया। पता चला कि वहां अमृतपाल स्कूटी पर पहुंचा था। वहां की एक सीसीटीवी मिली है। इसमें वह अपने साथी के साथ दिखा है। उसने पगड़ी बांध रखी है और हाथ में छतरी भी है। सीसीटीवी से बचने के लिए उसने छतरी का सहारा लिया ताकि उसका चेहरा कैद न हो सके।
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महिला से पूछताछ में आया कि वह पपलप्रीत को ढाई साल से जानती है। साथ ही पपलप्रीत पहले भी उसके यहां आता जाता रहा है। अमृतपाल वहां से किधर और कब गया... इस पर पुलिस ने कोई जानकारी नहीं दी है। यह कहा जा रहा है कि वह 20 मार्च की सुबह वहां से चला गया था लेकिन कुछ सूत्र यह भी बताते हैं कि वह 22 मार्च की सुबह निकला है।
घर में मजदूर और मिस्त्री के अलावा कोई नहीं
जैसे ही इस मामले का पता चला तो पुलिस के साथ-साथ आसपास भी हड़कंप सा मच गया। बलजीत कौर मूलतः शाहाबाद के गांव मामू माजरा की रहने वाली है। शाहाबाद की सिद्धार्थ कॉलोनी में उसके घर पर निर्माण कार्य चल रहा है। मिस्त्री और मजदूर के अलावा इस घर में कोई नहीं है।