हो सकता है कि आपने नखचिवन का नाम कभी न सुना हो। अजरबैजान का यह स्वायत्त गणराज्य ट्रांस-काकेशियन पठार पर स्थित है। नखचिवन चारों तरफ से अर्मेनिया, ईरान और तुर्की के बीच फंसा है। यह पूर्व सोवियत संघ के सबसे अलग-थलग आउटपोस्ट में से एक है और यहां ना के बराबर सैलानी आते हैं। अर्मेनिया की 80-130 किलोमीटर चौड़ी पट्टी इसे अपने देश अजरबैजान से अलग करती है। साढ़े चार लाख की आबादी दुनिया के सबसे बड़े लैंडलॉक एक्सक्लेव में रहती है।
इसका क्षेत्रफल बाली के बराबर है। यहां सोवियत काल की इमारतें हैं। सोने से जड़ी गुंबद वाली मस्जिदें हैं और लोहे की जंग जैसे लाल रंग के पहाड़ हैं। यहां के एक ऊंचे मकबरे में हजरत नबी को दफनाया गया था। पहाड़ पर बने मध्यकालीन किले को लोनली प्लैनेट ने "यूरेशिया का माचू पिचू" करार दिया था।
इसका क्षेत्रफल बाली के बराबर है। यहां सोवियत काल की इमारतें हैं। सोने से जड़ी गुंबद वाली मस्जिदें हैं और लोहे की जंग जैसे लाल रंग के पहाड़ हैं। यहां के एक ऊंचे मकबरे में हजरत नबी को दफनाया गया था। पहाड़ पर बने मध्यकालीन किले को लोनली प्लैनेट ने "यूरेशिया का माचू पिचू" करार दिया था।