भगवान शनि 31 जनवरी की प्रातः 04 बजकर 31 मिनट पर पश्चिम में अस्त हो रहे हैं। ये पुनः 5 मार्च को सायं 6 बजकर 29 मिनट पर पूर्व में उदय होंगे। इनके अस्त होने के परिणामस्वरूप जिन जातकों की जन्म कुंडलियों में ये शुभ भाव में गोचर कर रहे थे उनके लिए तो अच्छा नहीं कहा जा सकता, किंतु जिनके अशुभ भाव में गोचर कर रहे थे उन्हें राहत मिलेगी। सभी राशियों के लिए इनके अस्त होने का प्रभाव कैसा रहेगा इसका ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं।
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