Ketu Transit 2023: वैदिक ज्योतिष में केतु को एक मायावी ग्रह की संज्ञा दी गई है। राहु की तरह केतु को भी किसी भी राशि का स्वामित्व प्राप्त नहीं है। केतु जिस राशि में बैठ जाता है उसके स्वामी के अनुसार ही फल देने का काम करता है। केतु मंगल के समान फल देने वाला कहा गया है। अगर कुंडली में मंगल और गुरु बली हो तो केतु के अशुभ फल कम ही प्रकट होते हैं ऐसा विद्वानों ने कहा है। केतु अच्छे बुरे दोनों परिणाम देता है। एक तरफ जहां जातक को भौतिक सुख की कमी करता है वहीं दूसरी ओर उसे विद्वान और ज्ञानी भी केतु ही बनाता है। संसार के बड़े वक्ताओं के दूसरे और आठवें भाव से केतु का जुड़ाव सदैव रहता है। केतु व्यक्ति को आत्मिक ज्ञान प्रदान करता है और गुरु के बाद केतु को ही मोक्ष कारक ग्रह कहा गया है। केतु 30 अक्टूबर 2023 को तुला राशि से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेंगे तो 3 राशियों को बेहद सावधान रहना होगा। आइये जानते है कि वो 3 राशियां कौनसी हैं।
मिथुन राशि - इस राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर चौथे भाव से होने जा रहा है। इस भाव से माता,संपत्ति,भवन और मानसिक शक्ति देखी जाती है। इस भाव में विराजमान होकर केतु अपनी दृष्टि से अष्टम,दशम और द्वादश भाव को देखेंगे। चौथे भाव में केतु का गोचर जातक को चंचल और उत्साहविहीन करता है। केतु के इस गोचर से आप मां की सेहत को लेकर थोड़े परेशान होंगे। आपके जीवन में उत्साह की कमी आपको दिखाई देगी। इस गोचरकाल में आपको मानसिक संताप प्राप्त हो सकता है। परिवार से उम्मीद के मुताबिक मदद नहीं प्राप्त होगी। इस समय वाहन सावधानी से चलाए। कार्य स्थल पर आपके खिलाफ साजिश हो सकती है। जो जातक विदेश जाने की सोच रहे है उनका सपना पूरा होगा।
कन्या राशि - इस राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर लग्न में ही होने जा रहा है। इस भाव से जातक के व्यक्तित्व का ज्ञान होता है। लग्न में विराजमान केतु की दृष्टि आपके पंचम,सप्तम और नवम भाव पर होगी। लग्न भाव में केतु का गोचर जातक को डरपोक बना देता है। जातक व्यर्थ लोगों की बातों में आकर धन खर्च करता है। केतु के इस गोचर के कारण बड़ा प्रोजेक्ट आपके हाथ से निकल सकता है। इस समय आपको चुनौतियों से जूझना पड़ सकता है। प्रेम प्रसंग में आपको धोखा मिलेगा वहीं वैवाहिक जीवन में भी तनाव की आशंका बनी रहने वाली है। इस समय किसी की बातों में आकर कोई नया काम शुरू न करें। केतु के इस गोचर के दौरान धार्मिक यात्रा का योग बनता हुआ दिखाई दे रहा है।
कुंभ राशि - इस राशि के जातकों के लिए केतु का गोचर अष्टम भाव से होने जा रहा है। इस भाव से दुर्घटना और आकस्मिक नुकसान का बोध होता है। इस भाव में विराजमान केतु की दृष्टि द्वादश,द्वितीय और चतुर्थ भाव पर होगी। अष्टम में केतु का गोचर जातक को स्त्री विरोधी बना देता है। जातक की बुद्धि उसके मित्रों के द्वारा संचालित होने लगती है। इस भाव में केतु के गोचर के कारण आप अपनी पत्नी और ससुराल पक्ष से विवाद कर सकते हैं। अचानक से धन की कोई बड़ी हानि संभव है। इस समय आपको कोशिश करनी होगी कि कुटुंब में आपके कारण कोई पारिवारिक कलह उत्पन्न नहीं हो। गुप्त साधना और ज्योतिष विद्या में रत जातकों को सफलता मिलेगी। इस समय आपकी वाणी के प्रभाव से आप किसी बड़े कार्य को सिद्ध करके दिखाएंगे।