{"_id":"6482c8059d3252195a0a32ea","slug":"kaalsarp-yog-in-kundali-is-auspicious-or-anauspicious-in-hindi-2023-06-09","type":"photo-gallery","status":"publish","title_hn":"Kaalsarp Yog in Kundali: कुंडली में कापसर्प योग कब कमजोर होता है और कब होता है विनाशकारी, जानें पूरी जानकारी","category":{"title":"Astrology","title_hn":"ज्योतिष","slug":"astrology"}}
Kaalsarp Yog in Kundali: कुंडली में कापसर्प योग कब कमजोर होता है और कब होता है विनाशकारी, जानें पूरी जानकारी
ज्योतिष डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Fri, 09 Jun 2023 12:06 PM IST
Kaalsarp Yog in Kundali: वैदिक ज्योतिष के अनुसार छाया ग्रह राहु और केतु के मध्य जब बाकी के ग्रह आ जाते हैं यानी कि सूर्य चंद्रमा मंगल बुध गुरु शुक्र और शनि ये सातों ग्रह जब राहु और केतु के मध्य स्थित होते हैं तो कुंडली में कालसर्प योग का प्रादुर्भाव माना जाता है। कालसर्प योग के बारे में कहा जाता है कि जातक को इसके कई दुष्परिणाम झेलने पड़ते हैं। उदाहरण स्वरूप उसे मानसिक कष्ट होता है. उसका स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता। उसे पैतृक संपत्ति प्राप्त नहीं होती उसे धोखा प्राप्त होता है। वह जन्म स्थान में प्रसिद्ध नहीं होता। शिक्षा प्राप्त होने के बाद भी उसका उपयोग नहीं कर पाता। उसका गृहस्थ जीवन सुखी नहीं रहता यानी कुल प्रकार से कालसर्प योग के जो परिणाम है वह अशुभ ही माने गए हैं।
2 of 4
Kaalsarp Yog in Kundali
विज्ञापन
हालांकि वैदिक ज्योतिष में कुछ ऐसे योग भी बताए गए हैं जो अगर आपकी कुंडली में विद्यमान हैं तो आपको कालसर्प योग के उतने अशुभ परिणाम प्राप्त नहीं होते जितना कि अशुभ परिणाम वह देने वाले होते हैं। अगर किसी जातक की कुंडली में बृहस्पति राजयोग बना कर के केंद्र भाव में स्थित हो तो ऐसे व्यक्ति को कालसर्प योग का दुष्परिणाम नहीं भोगना पड़ता है। अगर आपकी कुंडली में शुक्र दूसरे या बारहवें भाव में बलवान होकर स्थित है तो भी आपको कालसर्प योग के दुष्परिणाम नहीं प्राप्त होंगे। अगर आपकी कुंडली में मंगल मेष वृश्चिक या उच्च राशि मकर में विराजमान होकर रूचक योग बना रहा है तो भी कालसर्प योग के अशुभ परिणाम प्राप्त नहीं होंगे। अगर पंच महापुरुष यानी कि भद्र योग हंस योग मालव्य योग और शश योग अगर आपकी कुंडली में है तो भी आपको कालसर्प योग के अशुभ परिणाम प्राप्त नहीं होंगे। अगर आपके कुंडली के सप्तम भाव से शुरू होकर लग्न तक प्रत्येक भाव में कोई न कोई ग्रह स्थित है तो कुंडली में छत्र योग निर्माण करता है और यह भी कालसर्प योग के अशुभ परिणामों को नष्ट करता है।
विज्ञापन
3 of 4
Kaalsarp Yog in Kundali
अब हम आपको बताते हैं कि कुछ ऐसे योग हैं जिनमें कालसर्प योग अधिक प्रभावी हो जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु और गुरु किसी भी भाव में स्थित होकर चांडाल योग बना रहे हैं तो कालसर्प योग और भी घातक हो जाएगा। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य और चंद्रमा के साथ राहु या केतु ग्रहण योग बना रहे हैं तो उस व्यक्ति को कालसर्प योग के भयंकर परिणाम देखने को मिलते हैं। अगर किसी कुंडली में चंद्रमा के पास राहु और केतु को छोड़कर कोई भी ग्रह स्थित नहीं हो और अगर उस व्यक्ति की कुंडली में केमद्रुम योग बन रहा हो तो भी उस व्यक्ति को कालसर्प योग के अधिक अशुभ परिणाम प्राप्त होंगे।
4 of 4
Kaalsarp Yog in Kundali
विज्ञापन
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में शुक्र और राहु की युति है तो उसे कालसर्प योग के घातक परिणाम झेलने होंगे। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में बुध और राहु की अथवा मंगल और राहु की युति हो तो भी ऐसा व्यक्ति जल्दबाजी में अपने काम बिगाड़ करके अपने जीवन को नष्ट कर लेता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली के छठे आठवें या बारहवें भाव में शनि और राहु की युति हो और उस पर अगर मंगल की दृष्टि हो तो उस व्यक्ति को कालसर्प योग के बेहद गंभीर परिणाम भुगतने होते हैं।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।