आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने पाकिस्तानी सरकार से कहा है कि अगर इसलामाबाद ने कश्मीर में ‘जिहादियों’ का समर्थन करना बंद किया तो इसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा।
सलाहुद्दीन का कहना है कि जम्मू कश्मीर में जिहादी पाकिस्तान की लड़ाई लड़ रहे हैं। सलाहुद्दीन ने कहा कि हम कश्मीर में पाकिस्तान की जंग लड़ रहे हैं और अगर इसलामाबाद ने हमारी हिमायत बंद की तो पाकिस्तान के अंदर ही लड़ाई लड़ी जाएगी। वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के समूह मुत्ताहिदा जिहाद काउंसिल का भी प्रमुख है।
उसने ‘अरब न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में भारत एवं पाकिस्तान के बीच हुई कई दौर की वार्ता और फिर जम्मू कश्मीर में तनाव में आई कमी का हवाला देते हुए यह टिप्पणी की। सलाहुद्दीन ने कहा कि भारत के साथ शांति प्रक्रिया को लेकर पाकिस्तान के नए रुख से वह ‘निराश’ और ‘आंदोलित’ हैं।
यहां अखबारों में प्रकाशित खबरों में कहा गया था कि भारत के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने को लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व के रुख में बदलाव से कश्मीरी नेता हैरान हैं। सलाहुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान के लिए कश्मीर प्रमुख मुद्दा रहा है, लेकिन अब यह दूसरे दर्जे का हो गया है। हमारे संघर्ष को राजनीतिक, राजनयिक और नैतिक तौर पर समर्थन देने का दावा सिर्फ कहने के लिए है।
उसने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान इस उहापोह में फंसा हुआ है कि वह आतंकवाद को समर्थन दे अथवा शांति प्रक्रिया को। इस आतंकी सरगना ने कहा कि पाकिस्तानी आवाम को कश्मीर मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का काम करना चाहिए, ताकि ‘कश्मीर संघर्ष’ को लेकर यहां की सरकार अपने नए रुख को बदल दे।
सलाहुद्दीन ने कहा कि उसका मानना है कि कश्मीर मुद्दे का एकमात्र हल बंदूक उठाकर ही निकाला जा सकता है। उसने कहा कि भारत इस मुद्दे को सुलझाने के प्रति गंभीर नहीं है।
आतंकी संगठन हिज्ब-उल-मुजाहिदीन के सरगना सैयद सलाहुद्दीन ने पाकिस्तानी सरकार से कहा है कि अगर इसलामाबाद ने कश्मीर में ‘जिहादियों’ का समर्थन करना बंद किया तो इसका खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ेगा।
सलाहुद्दीन का कहना है कि जम्मू कश्मीर में जिहादी पाकिस्तान की लड़ाई लड़ रहे हैं। सलाहुद्दीन ने कहा कि हम कश्मीर में पाकिस्तान की जंग लड़ रहे हैं और अगर इसलामाबाद ने हमारी हिमायत बंद की तो पाकिस्तान के अंदर ही लड़ाई लड़ी जाएगी। वह पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों के समूह मुत्ताहिदा जिहाद काउंसिल का भी प्रमुख है।
उसने ‘अरब न्यूज’ को दिए साक्षात्कार में भारत एवं पाकिस्तान के बीच हुई कई दौर की वार्ता और फिर जम्मू कश्मीर में तनाव में आई कमी का हवाला देते हुए यह टिप्पणी की। सलाहुद्दीन ने कहा कि भारत के साथ शांति प्रक्रिया को लेकर पाकिस्तान के नए रुख से वह ‘निराश’ और ‘आंदोलित’ हैं।
यहां अखबारों में प्रकाशित खबरों में कहा गया था कि भारत के साथ रिश्तों को सामान्य बनाने को लेकर पाकिस्तान के राजनीतिक नेतृत्व के रुख में बदलाव से कश्मीरी नेता हैरान हैं। सलाहुद्दीन ने कहा कि पाकिस्तान के लिए कश्मीर प्रमुख मुद्दा रहा है, लेकिन अब यह दूसरे दर्जे का हो गया है। हमारे संघर्ष को राजनीतिक, राजनयिक और नैतिक तौर पर समर्थन देने का दावा सिर्फ कहने के लिए है।
उसने कहा कि कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान इस उहापोह में फंसा हुआ है कि वह आतंकवाद को समर्थन दे अथवा शांति प्रक्रिया को। इस आतंकी सरगना ने कहा कि पाकिस्तानी आवाम को कश्मीर मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का काम करना चाहिए, ताकि ‘कश्मीर संघर्ष’ को लेकर यहां की सरकार अपने नए रुख को बदल दे।
सलाहुद्दीन ने कहा कि उसका मानना है कि कश्मीर मुद्दे का एकमात्र हल बंदूक उठाकर ही निकाला जा सकता है। उसने कहा कि भारत इस मुद्दे को सुलझाने के प्रति गंभीर नहीं है।