तेजाब हमले रोकने के लिए नया कानून बनाए जाने के बावजूद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार के हमलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। फैसलाबाद शहर में दो और महिलाओं पर तेजाब हमला हुआ है और इस हमले में वे बुरी तरह घायल हो गई हैं।
अपनी सात साल की बेटी नूर फातिमा के साथ बृहस्पतिवार को घर लौट रही अजरा मिराज पर फैसलाबाद में दो मोटरसाइकिल सवारों ने तेजाब फेंक दिया। हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद भाग निकलने में कामयाब रहे। तेजाब हमले में अजरा के चेहरे का कुछ हिस्सा तथा एक बाजू जल गया। जबकि उसकी बेटी का पैर जल गया।
दोनों को स्थानीय एलायड अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। डाक्टरों का कहना है कि मिराज की आंखों की रोशनी जा सकती है। हालिया दिनों में लाहौर और गुजरांवाला जिलों में कम से कम चार महिलाओं पर तेजाबी हमले किए गए हैं। हमलावरों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है और पुलिस ने कोई गिरफ्तारी भी नहीं की है।
क्या कहता है देश का कानून
पिछले साल पारित एक कानून के अनुसार, तेजाब हमलों में दोषी करार दिए गए लोगों को 14 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकतर ऐसे मामलों की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती और अपराधी बिना सजा के बच निकलते हैं।
पाकिस्तान में आधी आबादी का सच
आंकड़ों की मानें तो पाकिस्तान में महिलाओं की इस मामले में स्थिति काफी बदतर है। अकेले वर्ष 2011 में ही महिलाओं पर तेजाब फेंकने, जबरन शादी करने और अन्य अपराधों के 8,500 मामले प्रकाश में आए हैं।
पाक सिनेमा में बयां हो चुका है दर्द
पाकिस्तान की महिलाओं का यह दर्द सिनेमा में भी बयां हो चुका है। पाकिस्तान की युवा फिल्मकार शरमीन ओबैद चिनाय द्वारा इस विषय पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री ‘सेव फेस’ को इस साल आस्कर से नवाजा गया है। हालांकि यह डॉक्यूमेंट्री अभी तक पाकिस्तान में प्रदर्शित नहीं हो पाई है।
तेजाब हमले रोकने के लिए नया कानून बनाए जाने के बावजूद पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में महिलाओं के खिलाफ इस प्रकार के हमलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है। फैसलाबाद शहर में दो और महिलाओं पर तेजाब हमला हुआ है और इस हमले में वे बुरी तरह घायल हो गई हैं।
अपनी सात साल की बेटी नूर फातिमा के साथ बृहस्पतिवार को घर लौट रही अजरा मिराज पर फैसलाबाद में दो मोटरसाइकिल सवारों ने तेजाब फेंक दिया। हमलावर घटना को अंजाम देने के बाद भाग निकलने में कामयाब रहे। तेजाब हमले में अजरा के चेहरे का कुछ हिस्सा तथा एक बाजू जल गया। जबकि उसकी बेटी का पैर जल गया।
दोनों को स्थानीय एलायड अस्पताल ले जाया गया, जहां डाक्टरों ने उनकी हालत स्थिर बताई है। डाक्टरों का कहना है कि मिराज की आंखों की रोशनी जा सकती है। हालिया दिनों में लाहौर और गुजरांवाला जिलों में कम से कम चार महिलाओं पर तेजाबी हमले किए गए हैं। हमलावरों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है और पुलिस ने कोई गिरफ्तारी भी नहीं की है।
क्या कहता है देश का कानून
पिछले साल पारित एक कानून के अनुसार, तेजाब हमलों में दोषी करार दिए गए लोगों को 14 साल से लेकर आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान है। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि अधिकतर ऐसे मामलों की सूचना पुलिस को नहीं दी जाती और अपराधी बिना सजा के बच निकलते हैं।
पाकिस्तान में आधी आबादी का सच
आंकड़ों की मानें तो पाकिस्तान में महिलाओं की इस मामले में स्थिति काफी बदतर है। अकेले वर्ष 2011 में ही महिलाओं पर तेजाब फेंकने, जबरन शादी करने और अन्य अपराधों के 8,500 मामले प्रकाश में आए हैं।
पाक सिनेमा में बयां हो चुका है दर्द
पाकिस्तान की महिलाओं का यह दर्द सिनेमा में भी बयां हो चुका है। पाकिस्तान की युवा फिल्मकार शरमीन ओबैद चिनाय द्वारा इस विषय पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री ‘सेव फेस’ को इस साल आस्कर से नवाजा गया है। हालांकि यह डॉक्यूमेंट्री अभी तक पाकिस्तान में प्रदर्शित नहीं हो पाई है।