विज्ञापन
Hindi News ›   News Archives ›   Other Archives ›   fitness and education

फिटनेस और एजुकेशन अहम तत्व

विनीता वशिष्ठ Updated Wed, 16 May 2012 12:00 PM IST
fitness and education
आईवीएफ एक्सपर्ट इस तकनीक को प्रयोग करते समय बहुत सावधानी बरतते हैं ताकि किसी के स्वास्थ्य और खासकर सम्मान को ठेस न पहुंचे। इस दौरान डोनर की आइडेंटिटी को पूरी तरह से गुप्त रखा जाता है और रिसीवर की पहचान को लेकर भी एहतियात बरती जाती है।


डॉक्टर सिर्फ रिसीवर को डोनर की हाइट, कलर, बैकग्राउंड, एजुकेशन और मेंटल व फिजिकल हेल्थ के बारे में ही बताते हैं। यहां डोनर की पहचान गुप्त रखी जाती है। उससे यह साइन भी करवाया जाता है कि अगर बाद में पता भी चल गया, तो उस औलाद पर डोनर का कोई हक नहीं होगा।


स्पर्म डोनेट करा रही कई कंपनियां


ऐसा नहीं है कि आप स्पर्म डोनेट करने के लिए क्लीनिक तलाशें। स्पर्म के केस सुलझाने के लिए स्पर्म डोनेशन का बिजनेस करने वाली कंपनियां कॉलेज स्टूडेंट्स के साथ बाकायदा वर्कशॉप कर रही हैं। ये कंपनियां अपने स्टॉल लगाकर छात्रों को स्पर्म डोनेशन के सामाजिक पहलू के बारे में बताती हैं।

स्पर्म देने के लिए तैयार हुए छात्रों का पहले मेडिकल टेस्ट होता है। मेडिकल टेस्ट के बाद उनसे एक निश्चित अवधि का कॉन्ट्रैक्ट भरवाया जाता है। फिर उन्हें हफ्ते में दो बार कंपनी की लैब आकर स्पर्म डोनेट करना होता है। ये कंपनियां उस छात्र को आने जाने का किराया और डोनेशन की संभव कीमत अदा करती हैं।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

Independence day

अतिरिक्त ₹50 छूट सालाना सब्सक्रिप्शन पर

Next Article

फॉन्ट साइज चुनने की सुविधा केवल
एप पर उपलब्ध है

app Star

ऐड-लाइट अनुभव के लिए अमर उजाला
एप डाउनलोड करें

बेहतर अनुभव के लिए
4.3
ब्राउज़र में ही
X
Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

Download App Now

अपना शहर चुनें और लगातार ताजा
खबरों से जुडे रहें

एप में पढ़ें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

Followed

Reactions (0)

अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं

अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें