बिहार के मुजफ्फरपुर और गया जिले में अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार वृद्घि होती जा रही है। गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 142 बच्चों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। इधर, मंगलवार को इस बीमारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की बैठक की तथा मृतक के परिजनों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने की भी घोषणा की। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रभावित जिलों में चिकित्सकों का दल भेजने का निर्णय लिया गया तथा बीमारी को लेकर एक टॉस्क फोर्स गठन भी किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि बैठक में मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जायेगा जबकि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में बीमारी को लेकर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जायेगी। मंत्री ने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में अब तक इस बीमारी से 11 बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें अधिकांश बच्चे दलित, महादलित, गरीब के बच्चे हैं।
बिहार के मुजफ्फरपुर और गया जिले में अज्ञात बीमारी से मरने वाले बच्चों की संख्या में लगातार वृद्घि होती जा रही है। गैर-सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अब तक 142 बच्चों की मौत इस बीमारी से हो चुकी है। इधर, मंगलवार को इस बीमारी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों की बैठक की तथा मृतक के परिजनों को 50-50 हजार रुपए मुआवजा देने की भी घोषणा की। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे ने बैठक के बाद पत्रकारों को बताया कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में प्रभावित जिलों में चिकित्सकों का दल भेजने का निर्णय लिया गया तथा बीमारी को लेकर एक टॉस्क फोर्स गठन भी किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि बैठक में मृतक के परिजनों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 50-50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जायेगा जबकि राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में बीमारी को लेकर नियंत्रण कक्ष की स्थापना की जायेगी। मंत्री ने बताया कि राज्य के विभिन्न अस्पतालों में अब तक इस बीमारी से 11 बच्चों की मौत हो गई है, जिसमें अधिकांश बच्चे दलित, महादलित, गरीब के बच्चे हैं।