दूध, घी, फल और सब्जियों में मिलावट की मार झेल रहे आम आदमी को राहत देने के लिए सरकार ने मौजूदा कानूनों से अलग सख्त मानक बनये मानक इससे खोमचे पर बिकने वाली खाने की चीजों से लेकर फैक्ट्रियों में बने खाद्य उत्पादों तक पर लागू होंगे।
खास बात यह है कि नए मानकों का निर्धारण उपभोक्ता मामले का मंत्रालय कर रहा है। जबकि अभी तक मिलावट को रोकने की जिम्मेदारी स्वास्थ्य मंत्रालय के पास है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रो. केवी थॉमस के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता के मापने के लिए तीन अलग-अलग पैमाने बनाए गए हैं।
सरकार का उद्देश्य खाद्य वस्तुओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करना है। यह जिम्मेदारी भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) को सौंपी गई है। हालांकि अभी बीआईएस के इन मानकों को अपनाने की बाध्यता या समय सीमा तय नहीं की गई है। यानि लोग स्वयं अपनी खाद्य वस्तुओं को तय मानक के अनुरूप बनाकर बीआईएस से प्रमाणन ले सकते हैं।
थॉमस के मुताबिक सरकार का इरादा खाद्य वस्तुओं में मिलावट को हर हाल में रोकना है। स्वास्थ्य मंत्रालय के भारतीय खाद्य संरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने हाल ही में खाद्य सुरक्षा के लिए नया कानून लागू किया है। जिसे चरणबद्ध ढंग से लागू किया जा रहा है।
मौजूदा समय में कृषि खाद्य से जुड़े लगभग 1800 मानदंड हैं। जिसमें 12 विभिन्न कानूनों के अंतरगत ऐसे हैं जिनको हर हाल में मानना ही पड़ता है। सरकार का इरादा खाद्य वस्तुओं के बनाए गए नए मानको का पालन करना भी निकट भविष्य अनिवार्य करने का है।