प्रदेश में छलांग लगाती महंगाई से भले ही आम आदमी त्रस्त हो, लेकिन माननीयों के गणित में महंगाई काफूर है। 16वीं विधानसभा के लिए हुए चुनाव में कुछ ऐसी ही नजीर सूबे के तीन विधायकों ने चुनाव आयोग के समक्ष पेश की है। ये माननीय महज 24 हजार, 36 हजार और 1.43 लाख रुपये खर्च कर 16वीं विधानसभा में पहुंच गए हैं।
चुनाव आयोग से जांच की मांग
यह खुलासा नेशनल इलेक्शन वाच (एनईडब्ल्यू) और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में किया है। महज चंद हजार रुपये खर्च कर विधानसभा पहुंचने वाले विधायकों में सत्ता पक्ष, प्रमुख विरोधी दल और निर्दलीय माननीयों के नाम शुमार हैं। विधायकों द्वारा चंद हजार खर्च किए जाने का ब्योरा चुनाव आयोग के समक्ष पेश किए जाने पर एडीआर और एनईडब्ल्यू ने चुनाव आयोग से जांच कराने की मांग की है।
सीकरी के विधायक ने खर्च किए सिर्फ 36,470 रुपये
सत्ता पक्ष यानी सपा से बलिया नगर विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए नारद राय मात्र 24,344 रुपये खर्च कर माननीय बने हैं। प्रमुख विरोधी दल बसपा से फतेहपुर सीकरी के विधायक चुने गए सूरजपाल सिंह 36,470 रुपये खर्च कर माननीय बने हैं। सपा पक्ष और विपक्ष के माननीयों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष पेश किए गए मितव्ययिता की नजीर को दुधी से निर्दलीय विधायक चुनी गई रूबी प्रसाद ने ठुकराते हुए दिलेरी में 1.43 लाख रुपये खर्च कर माननीय बनने करने का ब्योरा पेश किया है।
दो माननीयों ने दिखाई दरियादिली
दिलचस्प बात यह है कि सूबे के 403 माननीयों में मात्र दो माननीय ऐसे हैं जिन्होंने खुद से आयोग द्वारा विधानसभा चुनाव में 16 लाख रुपये खर्च करने की निर्धारित सीमा से ज्यादा रुपये खर्च करने का ब्योरा प्रस्तुत किया है। ये विधायक हैं सत्ता पक्ष सपा से इटावा विधानसभा क्षेत्र के विधायक बने रघुराज सिंह शाक्य। शाक्य ने 20.63 लाख रुपये खर्च किए हैं।
इसी तरह बर्थना से सपा की विधायक चुनी गई सुख देवी वर्मा ने निर्धारित सीमा 16 लाख रुपये से करीब 2.44 लाख रुपये से ज्यादा यानी की 18.44 लाख रुपये खर्च कर विधायक बनने का ब्योरा आयोग को दिया है।