पेट्रोल की कीमतें कम करने को तेल कंपनियां तैयार हैं, मगर सरकार राजी नहीं। बृहस्पतिवार को दिन में यह खबर भी आई कि तेल कंपनियों ने प्रति लीटर एक रुपये 60 पैसे दाम घटाने का निर्णय ले लिया है। लेकिन सूत्रों के अनुसार सरकार ने इसकी घोषणा रुकवा दी क्योंकि वह नहीं चाहती कि विपक्षी दल तेल के खेल में मूल्य घटने का श्रेय ले लें।
उल्लेखनीय है कि इंडियन ऑयल समेत दूसरी सरकारी तेल कंपनियों ने दो दिन पहले ही कीमतों में कटौती का संकेत दिया था। सूत्रों के मुताबिक बीते पखवाड़े अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत घटने और डॉलर के मुकाबले रुपए की आंशिक मजबूती के बावजूद कंपनियां कीमतें नहीं घटा सकीं, तो सरकार के दबाव में।
जानकारों के अनुसार बृहस्पतिवार को कीमतें घटाने का सरकार की राजनीतिक सेहत पर विपरीत असर हो सकता था। भाजपा को इसका लाभ मिलने की उम्मीद थी। ऐसे में सरकार ने तेल कंपनियों को कीमतें घटाने की घोषणा करने से मना कर दिया।
दूसरी ओर सरकार यह भी जताना चाहती है कि पेट्रोल कीमत पर अंदरखाने चल रही रार और बिगड़ते आर्थिक माहौल के डर से वह जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं ले रही है। सूत्रों की मानें तो अब अगले कुछ दिनों में पेट्रोल के दाम कम करने की आधिकारिक घोषणा तेल कंपनियां कर सकती हैं। यह कटौती डेढ़ से दो रुपए तक हो सकती है।