एक अदालत ने कहा है कि अलग रह रही पत्नी को पति की आय और उसकी संपत्ति के बारे में जानने का हक है, ताकि वह गुजारे भत्ते की मांग कर सके।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लॉ ने कहा कि अपनी आय और संपत्ति के बारे में पति को ही बेहतर जानकारी हो सकती है। वही इस बारे में ब्योरा पेश कर सकता है न कि उसकी पत्नी। अदालत ने यह टिप्पणी एक व्यक्ति की उस याचिका पर की, जिसमें उसने मजिस्ट्रेट के फैसले को रद्द करने की मांग की थी। उसकी पत्नी की शिकायत पर मजिस्ट्रेट ने इस व्यक्ति को अपनी आय और संपत्ति का ब्योरा पेश करने के लिए कहा था।
दिल्ली के करोल बाग का रहने वाला यह व्यक्ति पेशे से वकील है। इसने मजिस्ट्रेट के फैसले को चुनौती देते हुए अपनी याचिका में कहा कि उसकी आय का ब्योरा पत्नी को पेश करना चाहिए और उसे यह भी साबित करना चाहिए कि वह अपना खर्च नहीं उठा पा रही है। उसने कहा कि पत्नी सिर्फ यही कह रही कि वकालत से मैं हर साल 50 लाख रुपये से ज्यादा कमा रहा हूं, लेकिन वह इसे साबित करे।
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने उसकी यह याचिका खारिज कर दी। न्यायाधीश ने कहा कि मजिस्ट्रेट के फैसले में कोई भी खामी नहीं है। इसके साथ ही अदालत ने इस व्यक्ति को दो सप्ताह के भीतर आदेश का पालन करने के लिए कहा। अदालत ने इस व्यक्ति और उसकी पत्नी से 25 मई को मजिस्ट्रेट के सामने पेश होने को कहा।