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Sukhoi-Mirage Crash: क्रैश से पहले आग का गोला बन चुका था विमान, पायलट ने कैलारस कस्बा बचाने के लिए दे दी जान

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मुरैना Published by: हिमांशु प्रियदर्शी Updated Sat, 28 Jan 2023 08:05 PM IST
सार

चश्मदीद ब्रजेश कुमार शुक्ला ने भी दावा किया कि दोनों विमान टकराकर ही क्रैश हुए। एक यहां क्रैश हुआ। दूसरा आगे निकल गया। इसके बाद दिल्ली से वायुसेना ने हादसे में एक पायलट की मौत की पुष्टि कर दी। दोनों गंभीर घायल पायलटों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंचा था।

Sukhoi Mirage Crash News Update plane had become a ball of fire before crash in Morena Jungle
सुखोई और मिराज क्रैश की जानकारी देते मुरैना के कलेक्टर अंकित अस्थाना - फोटो : Amar Ujala

विस्तार

मुरैना जिले के जंगल में वायुसेना के दो फाइटर प्लेन मिराज और सुखोई दुर्घटनाग्रस्त हो गए। इसमें एक पायलट की मौत हो गई। चश्मदीदों के मुताबिक सुबह करीब दस बजे यह हादसा हुआ। दोनों विमान हवा में ही टकराए। इससे एक में आग लग गई और वह क्रैश हो गया। वहीं, दूसरा आगे निकल गया। 



आग की लपटों से घिरा जा रहा था विमान
मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में हुए हादसे के चश्मदीद मईद खान ने बताया कि आग लगते हुए ही प्लेन जा रहा था। एक आगे चला गया था। दोनों प्लेन टकराने से ही एक यहां गिरा। दूसरा प्लेन आगे जाकर गिरा। हमने देखा कि दो लोग पैराशूट से निकल आए थे। 


इसी तरह एक और चश्मदीद ब्रजेश कुमार शुक्ला ने भी दावा किया कि दोनों विमान टकराकर ही क्रैश हुए। एक यहां क्रैश हुआ। दूसरा आगे निकल गया। इसके बाद दिल्ली से वायुसेना ने हादसे में एक पायलट की मौत की पुष्टि कर दी। दोनों गंभीर घायल पायलटों को एयरलिफ्ट करने के लिए हेलीकॉप्टर मौके पर पहुंचा था। 

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दिए जांच के आदेश
मुरैना के कलेक्टर अंकित अस्थाना ने बताया कि उन्हें एयरफोर्स से पता चला है कि ग्वालियर से सुखोई और मिराज ने एक साथ उड़ान भरी थी। यह विमान मुरैना के पहाड़गढ़ इलाके में दुर्घटनाग्रस्त हुए। एक विमान तो जलकर पहाड़गढ़ इलाके में गिर गया। दूसरे का मलबा भरतपुर इलाके में भी पड़ा मिला। दो पायलट तो घायल अवस्था में रिकवर हो गए, जबकि एक की मौत हो गई। 

दिल्ली से मिली जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने वायुसेना प्रमुख को इस बात की जांच करने को कहा है कि अभ्यास के दौरान वायुसेना के दो फाइटर प्लेन आखिरकार एक ट्रैक पर आए कैसे? फिलहाल वायुसेना के अफसर इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नही हैं।

गफलत की स्थिति बनी
घटना के बाद से ही पुलिस, प्रशासन और एयरफोर्स की टीम ने पूरे इलाके को कवर कर लिया। पहले यह चर्चा थी कि क्रैश होने वाले सुखोई 30 और मिराज 2000 दो लड़ाकू विमान हैं। बाद में बताया गया कि एक ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है। दूसरा सुरक्षित उड़ता हुआ आगे निकल गया। हालांकि, बाद में पता चला कि एक विमान राजस्थान के भरतपुर जिले में जाकर क्रैश हुआ।  
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बताया जा रहा है कि कैलारस कस्बे में विमान क्रैश न हो जाए, इसके लिए पायलट लंबे समय तक विमान में रहा। इसी वजह से उन्होंने समय पर इजेक्ट नहीं किया और कस्बे को बचाने के चक्कर में जान दे दी। 

ग्रामीणों का कहना है कि विमानों में जब आग लगी तब वे मुरैना जिले के कैलारस कस्बे के ऊपर से गुजर रहे थे। लोगों ने हवा में उन्हें आग से जलते देखा तो हड़कंप मच गया कि अगर इसका मलबा नीचे गिरा तो पूरा कस्बा तबाह हो सकता है। मलबा काफी दूर जंगल में गिरा।

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