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Gyanvapi: हिंदू पक्ष 353 वर्षों से कर रहा संघर्ष, हरि शंकर जैन बोले- ज्ञानवापी में बनेगा भव्य शिव मंदिर
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: उत्पल कांत
Updated Wed, 31 May 2023 11:58 PM IST
ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी केस में जिला जज की अदालत के आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बरकरार रखा है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह मील का पत्थर साबित होगा।
हिंदू पक्ष के अधिवक्ता हरिशंकर जैन और विष्णु जैन
- फोटो : अमर उजाला
वाराणसी के ज्ञानवापी स्थित मां श्रृंगार गौरी के मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की पुनरीक्षण याचिका खारिज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता हरि शंकर जैन ने हाईकोर्ट के फैसले को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह मील का पत्थर साबित होगा। हिंदू पक्ष 353 वर्षों से संघर्ष कर रहा है।अब वह दिन बहुत दूर नहीं है, जब ज्ञानवापी में भव्य शिव मंदिर बनेगा। भोलेनाथ चाहते हैं कि ज्ञानवापी में उनका मंदिर बने और हम उसी ओर आगे बढ़ रहे हैं।
इधर, मां श्रृंगार गौरी के मामले में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की पुनरीक्षण याचिका खारिज होने के बाद सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने सधी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हमने जबसे यह मुकदमा दाखिल किया था, तबसे हम कह रहे हैं कि यह पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम और वक्फ अधिनियम से बाधित नहीं है।
1993 तक हिंदू पक्ष के लोग नियमित दर्शन-पूजन करते थे
इसलिए वहां पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम लागू नहीं होगा, क्योंकि देश की आजादी के दिन से लेकर वर्ष 1993 तक हिंदू पक्ष के लोग नियमित दर्शन-पूजन करते थे। 12 सितंबर 2019 को वाराणसी की सिविल कोर्ट ने यह स्पष्ट किया था कि मां शृंगार गौरी से संबंधित मुकदमा पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम और वक्फ अधिनियम से बाधित नहीं है। सिविल कोर्ट के आदेश के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अपील की।
इलाहाबाद हाईकोर्ट
- फोटो : अमर उजाला।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मसाजिद कमेटी की अपील खारिज कर दी। अब वाराणसी की जिला अदालत और इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि ज्ञानवापी का मसला पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम से बाधित नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद हमारा पक्ष बहुत ज्यादा मजबूत हुआ है। अब ज्ञानवापी परिसर की वैज्ञानिक जांच सहित हमारी अन्य जो वैधानिक मांगें हैं, उनके लिए एक मजबूत आधार मिलेगा।
आदेश का अध्ययन कर आगे का निर्णय लेंगे: मुस्लिम पक्ष
अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के अधिवक्ता मुमताज अहमद ने कहा कि हम हाईकोर्ट की सिंगल बेंच के आदेश का अध्ययन करेंगे। यह जानकारी मिली है कि पुनरीक्षण याचिका खारिज हो गई है। हाईकोर्ट के आदेश आ अध्ययन करने के बाद आगे का निर्णय लिया जाएगा कि क्या करना है। आदेश का अध्ययन किए बगैर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
मुफ्ती शमीम अहमद अल हुसैनी कासिमी ने कहा कि न्यायालय का सम्मान भारत के हर नागरिक की जिम्मेदारी है। न्यायालय के फैसले पर टिप्पणी करने का अधिकार किसी को नहीं है। हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज की है तो इसके पीछे सबूत और बुनियाद होगा। फैसले को पूरा पढ़ने के बाद ही आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
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