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मौतों से चेती सरकार : चीतों को अब गांधीसागर व नौरादेही अभयारण्य में शिफ्ट करने की तैयारी, सीएम ने ली बैठक

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: आनंद पवार Updated Fri, 26 May 2023 11:47 PM IST
सार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कूनों में चीतों की मौत को लेकर अधिकारियों से जानकारी ली। बैठक में अधिकारियों ने चीता शावकों की मौत का कारण प्राथमिक रूप से पोषण में कमी और अत्यधिक गर्मी से होना बताया है। वहीं, अधिकारियों ने जानकारी दी कि जल्द तीन और चीतों को खुले जंगल में छोड़ेंगे। 

Government alerted by deaths: Preparation to shift cheetahs to Gandisagar and Nauradehi sanctuary, CM took mee
चीता - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार
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श्योपुर जिले के कूनो राष्ट्रीय उद्यान में छोड़े गए चीतों की लगातार मौतों से सरकार भी चिंतित है। अब इन चीतों को मंदसौर जिले के गांधीसागर और सागर जिले के नौरादेही अभयारण्य में शिफ्ट करने की तैयारी है। शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री निवास समत्व भवन में इसे लेकर बैठक हुई। 


इस बैठक में प्रदेश में चीतों के बसाने संबंधी गतिविधियों की समीक्षा हुई। मुख्यमंत्री को वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने चीतों को बसाने, उनको क्वॉरेंटाइन रखने की अवधि और उनकी देख-रेख से जुड़े विभिन्न पहलु पर जानकारी दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) द्वारा कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों की वर्तमान स्थिति और चीता शावकों की मृत्यु के कारणों की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि 23 मई को चीता शावकों की हुई मृत्यु के संभावित कारण पोषण में कमी तथा अत्यंत गर्मी का मौसम प्रतीत होता है। चीता ज्वाला के चार में से तीन शावकों की और तीन अन्य चीतों की अब तक मौत हो चुकी है। ज्वाला के चौथे शावक को रेस्क्यू कर वन्य-प्राणी चिकित्सकों की निगरानी में इलाज किया जा रहा है। 


मृत शावकों का वजन बहुत कम था
शावक के स्वास्थ्य में सुधार दिख रहा है। मृत शावकों का वजन अत्यंत कम 1.6 किलोग्राम था, जबकि मानकों के अनुसार इस आयु के शावकों का वजन लगभग 3 किलो होना चाहिए। कुल छह चीतों को खुले जंगल में छोड़ा गया है, जिनकी दिन-रात मॉनिटरिंग की जा रही है। आगामी दिनों में तीन और चीतों को खुले जंगल में छोड़े जाने की योजना है। 

गांधीसागर व नौरादेही में तैयारी
गांधीसागर अभयारण्य में भी आवश्यक तैयारी प्रारंभ हो चुकी हैं, जो नवम्बर तक पूरी होने की संभावना है। इसी तरह नौरादेही अभयारण्य में भी तैयारी प्रारंभ की जानी है। बैठक में निर्देश दिए गए कि नौरादेही तथा गांधीसागर अभयारण्य में इन तैयारियों के लिए टाइम लाइन निर्धारित कर इसे नवगठित प्रोजेक्ट चीता स्टीयरिंग कमेटी से अनुमोदन करवाएं। बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रधान मुख्य वन संरक्षक रमेश कुमार गुप्ता, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी)  जेएस चौहान और अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्य-प्राणी) शुभ रंजन सेन उपस्थित थे।
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