अमेरिकी वित्तीय संस्थान जेपी मॉर्गन ने मजबूत आर्थिक आधारों का हवाला देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की धड़कन माने जाने वाले बॉम्बे शेयर बाजार (बीएसई) की साख को ‘न्यूट्रल’ से बढ़ाकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। उसने इस साल के अंत तक बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स के 19,000 अंक के स्तर तक पहुंच जाने की संभावना जताई है। जोकि वर्तमान स्तर पर लगभग 12 प्रतिशत अधिक है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी के 4,800 अंक से लेकर 5,200 अंकों के बीच के स्तर पर रहने की उम्मीद जताई गई है। जेपी मार्गन ने बृहस्पतिवार को जारी परिपत्र में कहा कि हालांकि मौजूदा मुश्किलों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक आधार मजबूत हैं और यह इनके बल पर कठिनाइयों पर काबू पा लेगी। परिपत्र के अनुसार वित्तीय सुधारों की धीमी गति आर्थिक विकास में बाधक बनी रहेगी । सरकार की ओर से अगर कारोबारी और उपभोक्ता भरोसा बढ़ाने के नीतिगत उपाय किए जाते हैं, तो मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था तेज गति से विकास की और अग्रसर होगी।
जेपी मॉर्गन ने कहा है कि हालांकि आर्थिक सुधारों की धीमी गति के कारण पूरा आर्थिक परिदृश्य धुंधला बना हुआ है, लेकिन कारोबार का स्तर कई गुना ऊंचा बना हुआ है। परिपत्र में कहा गया है कि अप्रैल में भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 50 अंकों की कटौती की थी और इस वर्ष में नकद आरक्षित अनुपात में 75 अंक की कटौती की जा चुकी है। इसका असर वर्ष के अंत तक दिखना आरंभ हो जाएगा। रुपये के भाव गिरने से व्यापार में इजाफा होगा और तेल के दाम घटने से देश चालू खाता घाटा और राजकोषीय घाटे पर दबाव कम होगा।
जेपी मॉर्गन के अनुसार देश में निजी बैंकों का स्तर ‘ओवरवेट’ है, क्योंकि उनका कलेक्शन मजबूत है और कर्ज का कारोबार भी बेहतर बना हुआ है। इसके अलावा देश का आईटी सेक्टर भी ‘ओवरवेट’ है, क्योंकि रुपये के गिरने से इसको लाभ हो रहा है। इसके अलावा देश के स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान देने से भी इसे मजबूती मिलेगी। हालांकि मांग घटने की बात कहते हुए उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र को ‘अंडरवेट’ श्रेणी के तहत रखा गया है।
अमेरिकी वित्तीय संस्थान जेपी मॉर्गन ने मजबूत आर्थिक आधारों का हवाला देते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था की धड़कन माने जाने वाले बॉम्बे शेयर बाजार (बीएसई) की साख को ‘न्यूट्रल’ से बढ़ाकर ‘ओवरवेट’ कर दी है। उसने इस साल के अंत तक बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स के 19,000 अंक के स्तर तक पहुंच जाने की संभावना जताई है। जोकि वर्तमान स्तर पर लगभग 12 प्रतिशत अधिक है।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज के निफ्टी के 4,800 अंक से लेकर 5,200 अंकों के बीच के स्तर पर रहने की उम्मीद जताई गई है। जेपी मार्गन ने बृहस्पतिवार को जारी परिपत्र में कहा कि हालांकि मौजूदा मुश्किलों के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था के आर्थिक आधार मजबूत हैं और यह इनके बल पर कठिनाइयों पर काबू पा लेगी। परिपत्र के अनुसार वित्तीय सुधारों की धीमी गति आर्थिक विकास में बाधक बनी रहेगी । सरकार की ओर से अगर कारोबारी और उपभोक्ता भरोसा बढ़ाने के नीतिगत उपाय किए जाते हैं, तो मौजूदा वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में अर्थव्यवस्था तेज गति से विकास की और अग्रसर होगी।
जेपी मॉर्गन ने कहा है कि हालांकि आर्थिक सुधारों की धीमी गति के कारण पूरा आर्थिक परिदृश्य धुंधला बना हुआ है, लेकिन कारोबार का स्तर कई गुना ऊंचा बना हुआ है। परिपत्र में कहा गया है कि अप्रैल में भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में 50 अंकों की कटौती की थी और इस वर्ष में नकद आरक्षित अनुपात में 75 अंक की कटौती की जा चुकी है। इसका असर वर्ष के अंत तक दिखना आरंभ हो जाएगा। रुपये के भाव गिरने से व्यापार में इजाफा होगा और तेल के दाम घटने से देश चालू खाता घाटा और राजकोषीय घाटे पर दबाव कम होगा।
जेपी मॉर्गन के अनुसार देश में निजी बैंकों का स्तर ‘ओवरवेट’ है, क्योंकि उनका कलेक्शन मजबूत है और कर्ज का कारोबार भी बेहतर बना हुआ है। इसके अलावा देश का आईटी सेक्टर भी ‘ओवरवेट’ है, क्योंकि रुपये के गिरने से इसको लाभ हो रहा है। इसके अलावा देश के स्वास्थ्य क्षेत्र पर ध्यान देने से भी इसे मजबूती मिलेगी। हालांकि मांग घटने की बात कहते हुए उपभोक्ता वस्तु क्षेत्र को ‘अंडरवेट’ श्रेणी के तहत रखा गया है।