पेट्रोल कीमतों में दस दिन पहले की गई भारी वृद्धि की मार से आंसू बहा रही जनता को सरकार ने दो रुपये का झुनझुना थमाया है। प्रति लीटर साढ़े सात रुपये बढ़ाने के बाद सरकारी तेल कंपनियों ने शनिवार को आधी रात से दाम दो रुपये कम करने की घोषणा की।
दामों में उतार-चढ़ाव के इस खेल में, दस दिनों के भीतर सरकार और कंपनियों ने अपनी जेब में जनता के करोड़ों रुपये डाल लिए हैं। जबकि अंतरराष्ट्रीय बाजार की तेल कीमतों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा।
राजनीतिक दलों के 31 मई के भारत बंद के दौरान सड़कों पर दिखे जनता के गुस्से के साथ यूपीए सरकार के अपने घर के भीतर से उठती असंतोष की आवाजों को शांत करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों ने पेट्रोल के दाम 1.68 रुपये प्रति लीटर घटाने की घोषणा की। इसमें वैट शामिल नहीं है।
वैट घटाने के बाद दिल्ली सहित अन्य राज्यों में पेट्रोल के दाम लगभग दो रुपये प्रति लीटर तक कम हुए हैं। इस कमी के बावजूद आम आदमी को राहत नहीं मिली है क्योंकि 23 मई को हुई 7.56 रुपये लीटर की बढ़ोतरी के आधार पर यह कमी महज 27 फीसदी ही है।
साथी-विपक्ष सभी खफा
पेट्रोल की बढ़ी कीमतों में थोड़ी सी कमी मुझे मंजूर नहीं है। पेट्रोल के दाम अब भी जनता पर भार हैं। सरकार को इन कीमतों को पूरी तरह रोलबैक करना चाहिए।-ममता बनर्जी, तृणमूल
सरकार आम आदमी से धोखा कर रही है। भाजपा पेट्रोल मूल्यवृद्धि को पूरी तरह वापस लेने की अपनी मांग पर अड़ी रहेगी।-राजीव प्रताप रूडी, भाजपा
पेट्रोल की कीमतें बढ़ाना सही कदम नहीं है। तेल कंपनियों द्वारा घाटा उठाने का दावा करना सही नहीं है। इन कंपनियों के खर्चों की जांच की जानी चाहिए।-व्यालार रवि, केंद्रीय मंत्री
एनसीआर में पेट्रोल के नए दाम (रुपये प्रति लीटर)
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फरीदाबाद
पहले -74.14
अब -72.14
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गुड़गांव
पहले -74.16
अब -72.16
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दिल्ली
पहले -73.18
अब -71.18
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नोएडा
पहले -77.77
अब -75.77
प्रति लीटर पेट्रोल में कितने का है पेट्रोल
डीलर के पास पेट्रोल की पहुंच कीमत-43.51 रुपये
उत्पाद कर और शिक्षा सेस-16.05 रुपये
डीलर कमीशन-1.50 रुपये
वैट 20 फीसदी-12.12 रुपये