देश का विदेशी पूंजी भंडार 25 मई को समाप्त सप्ताह में 1.74 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 290 अरब डॉलर रहा। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा शनिवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक लगातार चौथे सप्ताह विदेशी पूंजी भंडार में गिरावट दर्ज की गई और इसमें रुपये के अवमूल्यन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक द्वारा डॉलर की सम्भावित बिक्री ने प्रमुख भूमिका निभाई।
पिछले तीन सप्ताहों में विदेशी पूंजी भंडार में क्रमश: 1.80 अरब डॉलर, 1.37 अरब डॉलर और 2.18 अरब डॉलर की गिरावट आई थी। पूंजी भंडार का सबसे बड़ा घटक विदेशी मुद्रा भंडार 25 मई को समाप्त सप्ताह में 1.71 अरब डॉलर घटकर 254.40 अरब डॉलर रहा।
रिजर्व बैंक ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार को डॉलर में अभिव्यक्त किया जाता है और इस पर पाउंड, यूरो और येन जैसी गैर डॉलर मुद्राओं के मूल्य में उतार चढ़ाव का सीधा असर पड़ता है। फिर भी माना जा रहा है कि रुपये में अवमूल्यन को रोकने के लिए रिजर्व बैंक ने डॉलर की बिक्री की है।
हाल के सप्ताहों में रुपये में रिकार्ड गिरावट दर्ज की गई है। शुक्रवार को यह डॉलर के मुकाबले 55.54 पर बंद हुआ। रुपये लगातार नौ सप्ताह गिरावट दर्ज की गई है। विशेष निकासी अधिकार का मूल्य आलोच्य अवधि में 1.86 करोड़ डॉलर घटकर 4.38 अरब डॉलर रहा और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष में भारत के भंडार का मूल्य 1.21 करोड़ डॉलर घटकर 2.85 अरब डॉलर रहा। स्वर्ण भंडार का मूल्य 26.61 अरब डॉलर पर स्थिर रहा।