कर्नाटक में राज्य सरकार की ओर से 7-8 जून को आयोजित होने वाले अंतरराष्ट्रीय निवेशक सम्मेलन में जापान का 50 के उद्योगपतियों का प्रतिनिधिमंडल हिस्सा लेगा। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार जापान की करीब 23 छोटी-बड़ी कंपनियों के करीब 50 सदस्यों ने इस सम्मेलन में अपनी उपस्थिति की पुष्टि की है। इस बीच कर्नाटक सरकार बंगलूरू के निकट ‘जापानी सिटी’ बनाने के लिए एक हजार एकड़ भूमि उपलब्ध कराने तथा उच्च गति वाली रेलवे परियोजनाओं के लिए जापानी कंपनियों की विशेषज्ञता की संभावनाएं तलाश रही है।
कई जापानी कंपनियों ने दिखाई रुचि
राज्य के भारी एवं मध्यम उद्योग मंत्री मुरुगेश निरानी ने जापान से मिली इस सकारात्मक प्रतिक्रिया के बारे में कहा कि जापान से हमें जिस प्रकार की प्रतिक्रिया मिली है, उससे स्पष्ट है कि हमारा प्रयास जल्द हकीकत में तब्दील होने जा रहा है। राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त महेश्वर राव ने कहा कि कर्नाटक में जापान की कई बड़ी कंपनियों ने अपनी रुचि दिखाई है और वर्तमान में यहां दिल्ली, मुंबई और चेन्नई के बाद करीब 182 कंपनियां हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष कंपनियों को राज्य में निवेश के लिए प्रोत्साहित करने के लिए किए गए प्रयासों से काफी फायदा हुआ है।
भारत संग करोबार बढ़ाने को इच्छुक जापान
राव ने कहा कि जापानी प्रतिनिधिमंडल में ऑटोमोबाइल, हरित उर्जा, मशीन, उपकरण समेत विभिन्न क्षेत्रों से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। इसके अलावा इस प्रतिनिधिमंडल में वह कंपनियां भी शामिल होंगी, जो जापान में गत वर्ष सुनामी से प्रभावित हो गई थीं। सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है कि इसके जरिये भारतीय और जापानी कंपनियां एक साथ मिलकर ठेके पर विनिर्माण करने और जापानी कंपनियों द्वारा उत्पादित वस्तुओं को भारतीय बाजार में बेचने संबंधी कारोबार को बढ़ा सकें।