देशभर में मुफ्त रोमिंग के ऐलान के साथ बृहस्पतिवार को नई दूरसंचार नीति घोषित कर दी गई। इसमें सरकार ने राष्ट्रीय स्तर पर मोबाइल पोर्टेबलिटी सेवा देने की भी बात कही है। हालांकि फ्री रोमिंग का उपभोक्ताओं का सपना कब पूरा होगा इसे लेकर कोई समय सीमा नहीं बताई गई है।
नई नीति में सरकार ने यह इरादा भी साफ कर दिया है कि वह बाजार की जरूरतों को ताक पर रखकर सस्ती सेवाएं ज्यादा लंबे समय तक जारी रखने के पक्ष में नहीं है। केंद्रीय दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने शुक्रवार को कैबिनेट से नई दूरसंचार नीति के मंजूर होने का ऐलान किया।
नई नीति में गांवों में मौजूदा फोन घनत्व 39 फीसदी से बढ़ाकर 2017 तक 70 फीसदी और 2020 तक शत प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा है। इसमें दूरसंचार उपकरणों के निर्माण को लेकर देश को ग्लोबल हब बनाने की बात कही गई है। नई नीति के तहत स्पैक्ट्रम को दूरसंचार लाइसेंस से अलग कर दिया गया है।
इसके तहत स्पेक्ट्रम का आवंटन नीलामी के जरिए किया जाएगा। स्पैक्ट्रम का इस्तेमाल किसी भी सेवा और प्रौद्योगिकी के लिए किया जा सकेगा। इस नीति में लाइसेंस व्यवस्था का सरलीकरण करते हुए एकीकृत लाइसेंस प्रणाली शुरू करने की बात कही गई है।
दूरसंचार नीति 2012 अब 1999 की नीति की जगह लेगी। इसमें सभी को न्यूनतम दो एमबी प्रति सेकंड डाउनलोड गति पर ब्राडबैंड उपलब्ध कराने की बात भी कही गई है। नई नीति में इंटरनेट टेलीफोन काल के नियमों को सरल बनाने की भी व्यवस्था है।
नई दूरसंचार नीति में ट्राई को पहले से ज्यादा ताकतवर बनाने की उम्मीद लगाई जा रही थी, लेकिन सिब्बल ने बताया कि ट्राई के पास दूरसंचार नीति बनाने का अधिकार नहीं होगा। नीति बनाने का अधिकार सरकार का ही होगा। नीति में बड़े संशोधन के मामले कैबिनेट के सामने लाए जाएंगे। हालांकि दूरसंचार मंत्री ने सफाई दी कि ट्राई को मजबूत बनाने के लिए अलग से संशोधन कानून लाने की बात है।
नई दूरसंचार नीति के मुताबिक आपको देश में कहीं भी जाने के लिए नंबर बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। आप कहीं से भी एक ही नंबर से बिना कोई रोमिंग शुल्क चुकाए फोन पर बात कर सकते हैं। मोबाइल पोर्टेबलिटी सेवा भी राष्ट्रीय स्तर पर मुहैया होगी, जबकि अभी उपभोक्ता आपरेटर बदल कर एक ही सर्किल में अपना मोबाइल नंबर यथावत रख सकता है।
नीति में और क्या
-सभी को न्यूनतम दो एमबी प्रति सेकंड डाउनलोड गति पर ब्राडबैंड उपलब्ध कराने की बात।
-नई नीति में इंटरनेट टेलीफोन काल के नियमों को सरल बनाने की भी व्यवस्था है।