वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि आयकर से जुडे़ 2.42 लाख करोड़ रुपये के मामले अदालतों में लंबित है। मुखर्जी ने राजधानी के सिविक सेंटर स्थित प्रत्यक्ष कर भवन के उद्घाटन के मौके पर आयकर अधिकारियों से कहा कि कर वसूली के दौरान करदाताओं को परेशानी नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वसूली इस तरह से की जानी चाहिए कि कम से कम मामले अदालतों तक जाए।
5.70 लाख करोड़ प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य
वित्त मंत्री ने बताया कि देश की विभिन्न अदालतों में 2.42 लाख करोड़ रुपये कर के मामले में लंबित है। इसके मद्देनजर कोशिश की जानी चाहिए कि छोटे मामलों का अधिकारी स्तर पर ही निपटान किया जाए। उन्होंने कहा कि देश के राजस्व में संग्रह में प्रत्यक्ष कर का योगदान बढ़ा है। 2003-04 में इस मद से मात्र एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व मिला था, जो 2011-12 में बढ़कर 4.94 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चालू वित्त वर्ष में 5.70 लाख करोड़ रुपये प्रत्यक्ष कर संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
देश में हैं 3.5 करोड़ करदाता
उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह में पहले अप्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी अधिक होती थी, लेकिन अब प्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी भी बढ़ी है। इसके अप्रत्यक्ष कर से अधिक होने की संभावना है। इस मौके पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष लक्ष्मण दास ने बताया कि कुल कर संग्रह करीब 10 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है। देश में अभी 3.5 करोड़ करदाता है और इनकी संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
इस मौके पर वित्त राज्य मंत्री नमोनारायण मीणा, वित्त सचिव आरएस गुजराल और दिल्ली उत्तर की मेयर मीरा अग्रवाल भी उपस्थित थीं। प्रत्यक्ष कर भवन में आयकर विभाग का सबसे बड़ा कार्यालय है। इस भवन में वेतन शुल्कों, गैर कॉरपोरेट शुल्कों, अंतरराष्ट्रीय कराधान, छूट और इससे जुडे़ दूसरे शुल्कों के कार्यालय हैं। इसमें आयकर विभाग के 26 आयुक्त, आठ सौ अधिकारियों और 1,500 कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था है। प्रत्यक्ष कर भवन में आयकर सेवा केंद्र भी है।