पेट्रोल के दाम बढ़ने से चौतरफा आलोचना झेल रही सरकार फिलहाल डीजल, रसोई गैस और किरोसीन के दाम नहीं बढ़ाएगी। पेट्रोल पर गर्मायी सियासत को देखते हुए वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाली अधिकार प्राप्त मंत्रियों के समूह (ईजीओएम) की शुक्रवार को होने वाली प्रस्तावित बैठक टाल दी गई है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पहले शुक्रवार को बैठक तय की गई थी।
लेकिन बृहस्पतिवार शाम तक वित्त मंत्री या पेट्रोलियम मंत्रीके कार्यक्रमों में इसका उल्लेख नहीं किया गया है। ऐसे में बैठक की संभावना नहीं है। हालांकि इस बीच अपने तय कार्यक्रम को छोड़ पेट्रोलियम मंत्री जयपाल रेड्डी तुर्कमेनिस्तान से वापस आ चुके हैं। लेकिन उन्होंने पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के साथ ईजीओएम की बैठक पर चुप्पी साध रखी है।
तेल कंपनियों को 512 करोड़ के घाटे का अनुमान
उल्लेखनीय है कि ईजीओएम की बैठक पिछले एक साल से नहीं हुई है। रुपए की कमजोरी और आयात बिल में बढ़ोतरी के बावजूद इस दौरान केवल पेट्रोल के दाम बढ़ाए गए हैं। इस वजह से शेष ईंधन बिक्री पर तेल कंपनियों का घाटा और सरकार पर सब्सिडी बोझ बढ़ा है। तेल कंपनियों को डीजल, एलपीजी और किरोसीन बिक्री पर अनुमानित तौर पर 512 करोड़ रुपए का घाटा हो रहा है।
तेल कंपनियों ने कहा, ईंधनों की कीमत बढ़ाना जरूरी
जबकि एक लीटर डीजल बिक्री पर कंपनियों का घाटा 15.35 रुपए, किरोसीन पर 32.98 रुपए प्रति लीटर और रसोई गैस पर 479 रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है। तेल कंपनियों का मानना है कि अगर जल्द ईंधनों के दाम नहीं बढ़ाए गए तो चालू वित्त वर्ष में उन्हें 1,93,880 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।