फेसबुक द्वारा निर्धारित 38 डॉलर की कीमत से करीब दस फीसदी के प्रीमियम पर 42 डॉलर पर लिस्टिंग के बाद नास्डेक में कंपनी के शेयरों में गिरावट का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है।
मंगलवार को भाव 31 डॉलर तक गिरने के बाद अब आशंका जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में इसके भाव 10 डॉलर से भी नीचे जा सकते हैं। बताया जा रहा है कि शेयरों में यह गिरावट लोगों को कंपनी में भारी गड़बड़ियों की बू आने के चलते आ रही है।
कुछ शेयरधारकों ने इस बात की शिकायत की है कि फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग और उनके कुछ करीबियों ने मार्केट में शेयर लिस्ट होते ही भारी संख्या में अपने शेयरों को कैश करा लिया है।
जुकरबर्ग ने किए 113 करोड़ डॉलर वारेन्यारे
बताया जा रहा है कि जुकरबर्ग ने अपने लगभग 3 करोड़ शेयर कैश करा लिए हैं। जुकरबर्ग ने अपने 113 करोड़ डॉलर के शेयर लिस्टेड होते ही कैश करा लिए हैं। ऐसा करके उन्होंने करीब 17 करोड़ डॉलर बचा लिए हैं। इस तरह की खबरें आने के साथ ही फेसबुक के शेयर औंधे मुंह गिरे हैं, जिससे लाखों निवेशकों को नुकसान उठाना पड़ा है।
विशेषज्ञों का तो यहां तक कहना है कि यही हाल रहा तो फेसबुक का शेयर भाव कुछ दिनों में 10 डॉलर से भी नीचे जा सकता है। माना जा रहा है कि शेयरों में गिरावट आने की चेतावनी फेसबुक के अंदर के कुछ लोगों ने कंपनी के बडे़ लोगों को पहले ही दे रखी थी, जिससे कि वह अपने शेयर बेच कर फायदा उठा सकें।
जानकारी के मुताबिक इस तरह की शिकायतों पर अमेरिकी बाजार नियामकों ने जांच शुरू कर दी है। गड़बड़ी साबित होने पर फेसबुक के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात भी कही जा रही है। फेसबुक की लिस्टिंग में करवाने में मदद करने वाली सलाहकार कंपनी मॉर्गन स्टैनले की जांच भी अमेरिकी सीनेट की एक कमेटी कर रही है।
पहले हफ्ते ही निकला दम
आईपीओ के ओवर सब्सक्राइब होने व नॉस्डेक में करीब 10 फीसदी के प्रीमियम पर लिस्टिंग के बाद कुछ ही समय में फेसबुक की बढ़त का बुलबुला एक झटके में फूट गया। बीते शुक्रवार को इसके शेयर का भाव 45 डॉलर के उच्चतम स्तर से करीब 28 फीसदी नीचे चला गया। तीन दिनों के भीतर ही कंपनी को पेपर मार्केट वैल्यू में करीब 15 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
मंगलवार को बाजार बंद होने तक फेसबुक का शेयर करीब 9 फीसदी तक गिरकर 31 डॉलर तक पहुंच गया था। इस तरह आईपीओ की कीमत से 18 फीसदी और 45 डॉलर के उच्चतम स्तर से 31 फीसदी की गिरावट इसमें दर्ज की गई है।