लगातार कमजोर होता रुपया भले ही आयातकों खासकर पेट्रो कंपनियों के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है, लेकिन आईटी इंडस्ट्री के वारे-न्यारे जरूर हो रहे हैं। मजबूत होते डॉलर से घरेलू कंपनियां अपने कारोबारी विस्तार के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर अधिक निवेश कर रही हैं। एक अनुमान के मुताबिक, देश में विभिन्न क्षेत्रों की कंपनियों की कारोबार विस्तार के लिए इस वर्ष सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) पर 1,910 अरब रुपये का खर्च किए गए हैं। यह 2011 में खर्च किए गए 1,640 अरब रुपये की तुलना में 16.4 फीसदी अधिक है।
बाजार का अध्ययन करने वाली संस्था गार्टनर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस खर्च का बड़ा कारण पिछले कुछ महीनों में रुपये के मुकाबले डॉलर की कमजोर स्थिति का होना भी है। हालांकि 2016 तक कंपनियों द्वारा आईटी पर खर्च यह विकास दर आठ से नौ प्रतिशत के बीच होगी।
गार्टनर के मुताबिक, भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी कारोबार में पिछले कुछ समय में तेजी से वृद्धि हुई है। इसके अलावा, कई भारतीय कंपनियां ग्लोबल स्तर पर काम का कर रही हैं। मालूम हो कि दुनिया की शीर्ष कंपनियों की सूची फार्च्यून 500 में 25 भारतीय कंपनियां शामिल हैं।
सरकार भी लगातार शिक्षा के स्तर को बढ़ने के लिए सूचना तकनीक की मदद ले रही है, जिससे सूचना प्रौद्योगिकी पर खर्च में पिछले कुछ समय में तेजी आई है। घरेलू स्तर पर ही सरकार का शिक्षा के क्षेत्र में आईटी पर खर्च 18 फीसदी की दर से बढ़ रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनियों ने भी आईटी पर अपने खर्च में वृद्धि की है।