कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने करीब 5 करोड़ खाताधारकों के लिए न्यूनतम पेंशन तय करने के प्रस्ताव पर शुक्रवार को फैसला कर सकता है। इस प्रस्ताव में न्यूनतम मासिक पेंशन 1000 रुपये तय करने की बात है। ईपीएफओ के सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक शुक्रवार को होगी। इसमें न्यूनतम मासिक पेंशन तय करने पर पड़ने वाले अतिरिक्त बोझ को साझा करने के लिए विभिन्न विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा।
रिटायरमेंट सीमा 60 करने की मांग
ईपीएफओ ने सुझाव दिया है कि या तो पेंशन के लिए रिटायरमेंट की उम्र 58 साल से बढ़ाकर 60 साल की जाए या फिर 20 साल की पेंशन योग्य सेवा पूरी होने पर दो साल का बोनस निकाला जाए। इनमें से कोई फैसला खाताधारकों के लिए न्यूनतम 1000 रुपये की मासिक पेंशन सुनिश्चित करने में मददगार होगा। उसका कहना है कि इससे नियोक्ताओं, कर्मचारियों या फिर सरकार पर कोई अतिरिक्त बोझ भी नहीं पडे़गा। श्रम मंत्रालय से इस मुद्दे पर चर्चा के दौरान ईपीएफओ ने यह उपाय सुझाए हैं।
हालांकि यूनियनों ने कहा कि यह दोनों ही विकल्प खाताधारकों पर बोझ डालेंगे, इसलिए ट्रस्टीज की बैठक में इनका विरोध किया जाएगा। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के सचिव डीएल सचदेव ने कहा कि यदि रिटायरमेंट की उम्र 60 साल की जाती है, तो कर्मचारियों को दो साल और योगदान देना होगा। यदि दो साल का बोनस निकाला जाता है तो पेंशन तय करने के फार्मूला के हिसाब से उनकी पेंशन कम तय होगी।
लाखों लोग पाते हैं 500 रुपये से कम पेंशन
ईपीएफओ के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2010 तक उसके 35 लाख पेंशन उपभोक्ता थे। इनमें से 14 लाख लोग मासिक 500 रुपये से कम की पेंशन पा रहे थे। 1000 रुपये मासिक पेंशन पाने वाले उपभोक्ताओं की संख्या सात लाख है। आंकड़े बताते हैं कि कई लोगों को 12 रुपये और 38 रुपये की मासिक पेंशन भी मिल रही है।