{"_id":"8994","slug":"Market-8994-","type":"story","status":"publish","title_hn":"हड़ताल से एयर इंडिया को 150 करोड़ का घाटा","category":{"title":"Business archives","title_hn":"बिज़नेस आर्काइव","slug":"business-archives"}}
विमानन कंपनी एयर इंडिया के पायलटों की लगातार आठवें दिन जारी हड़ताल के बीच केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह ने मंगलवार को हड़ताल कर रहे पायलटों को उनकी शिकायतों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया और कहा कि वे काम पर लौट आएं क्योंकि यात्रियों तथा देश के प्रति उनकी जिम्मेदारी बनती है।
विमानन कंपनी को इस हड़ताल से अब तक 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। उधर पायलटों के संघ इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) ने मंगलवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी, जिसमें पायलटों की अवैध हड़ताल पर रोक लगाई गई थी
लोकसभा में नागरिक उड्डयन और एयर इंडिया पर एक बहस का जवाब देते हुए सिंह ने कहा कि मैं पायलटों से अनुरोध करता हूं कि काम पर लौट आएं। उसके बाद उनके सभी मुद्दों पर चर्चा की जा सकती है। मैं सभी पक्षों से अनुरोध करता हूं कि वे पायलटों से काम पर आने के लिए कहें, ताकि यात्रियों को परेशानी नहीं हो और एयर इंडिया को बचाया जा सके।
सिंह ने कहा कि पायलटों ने चार मुख्य मांगें रखी हैं। उनमें शामिल हैं बोइंग 787 विमान उड़ाने का विशेषाधिकार, 2007 और उसके बाद के बकाए वेतन का भुगतान, काम पर नहीं होने के दौरान प्रथम श्रेणी में यात्रा का अधिकार और छह साल में कमांडर के रूप में प्रोन्नत किए जाने का अधिकार।
उधर पायलट संघ आईपीजी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में इसके एकल न्यायाधीश के उस आदेश को चुनौती दी। जिसमें पायलटों की अवैध हड़ताल पर रोक लगाई गई थी। यह मामला सुनवाई के लिए बुधवार को न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति राजीव शकधर की पीठ के समक्ष आएगा।
एयर इंडिया की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति रेवा क्षेत्रपाल ने 9 मई को आईपीजी से सम्बंधित 100 पायलटों के हड़ताल जारी रखने पर रोक लगा दी थी। एयर इंडिया ने पायलटों की हड़ताल के आठवें दिन भी जारी रहने के कारण मंगलवार को 10 और उड़ानें रद्द कर दीं इसके साथ ही उड़ानों का संचालन जारी रखने के लिए कंपनी ने यूरोप और अमेरिका की उड़ानों को आपस में मिलाकर एक कर दिया।
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विमानन कंपनी की किफायती अंतर्राष्ट्रीय सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस ने चार उड़ानें रद्द कर दीं। पायलटों की हड़ताल के आठ दिनों में विमानन कंपनी को 150 करोड़ रुपय का घाटा हो चुका है। अधिकारी ने कहा कि सप्ताह में कुल लगभग 150 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। हमें टिकटों के रद्द किए जाने, बेकार पड़े श्रम और हमारे 777 विमानों के बेकार पड़े रहने से दो-चार होना पड़ा।
कंपनी ने अत्यधिक लम्बी दूरी के मार्गो पर 15 मई तक टिकटों की बुकिंग बंद रखी है। इसके साथ ही वह अन्य लम्बे मार्गो पर रोजाना 15 से अधिक टिकटें रद्द कर रही है। इस अवधि में कंपनी के बोइंग 777 विमानों में से अधिकतर बेकार पड़े रहे, इसके अलावा इसके रखरखाव पर भी खर्च आया।
पूर्व विमानन कंपनी इंडियन एयरलाइंस के पायलटों को बोइंग-787 ड्रीमलाइनर विमान प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध कराने के सरकार के फैसले से नाराज होकर इंडियन पायलट्स गिल्ड (आईपीजी) से सम्बंधित पायलट आठ मई से सामूहिक चिकित्सा अवकाश पर हैं।
पायलटों ने पहले कहा था कि वे वार्ता करने के लिए तैयार हैं। लेकिन सरकार ने यह कहकर पेशकश स्वीकार नहीं की और कहा कि जब तक पायलट काम पर नहीं लौटते बातचीत नहीं हो सकती है।
विमानन कंपनी ने भी सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। सर्वोच्च न्यायालय याचिका की सुनवाई इंडियन कमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन (पुरानी इंडियन एयरलाइंस के पायलटों का संघ) की ओर से दाखिल विशेष अनुमति याचिका के साथ करेगा।
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