{"_id":"9287","slug":"Corporate-9287-","type":"story","status":"publish","title_hn":"हार्डवेयर क्षेत्र ने मांगा राहत पैकेज","category":{"title":"Business archives","title_hn":"बिज़नेस आर्काइव","slug":"business-archives"}}
आईटी क्षेत्र के लिए हार्डवेयर बनाने वाली कंपनियों के संगठन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन फॉर इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी (मैट) ने रुपये में गिरावट के मद्देनजर सरकार से राहत पैकेज की मांग की है। संगठन का कहना है कि उद्योग को बचाने के लिए यह जरूरी है। मैट के अध्यक्ष डॉ. आलोक भारद्वाज ने बताया कि जापान में सुनामी और थाईलैंड में बाढ़ के बाद से भारतीय आईटी हार्डवेयर क्षेत्र कठिनाइयों का सामना कर रहा है।
इसके बाद डॉलर के मुकाबले रुपए में गिरावट ने आईटी हार्डवेयर उद्योग की कमर ही तोड़ दी है। उन्होंने कहा कि आईटी हार्डवेयर उद्योग को बचाने के लिए सरकार को तुरंत कदम उठाने चाहिए। हार्डवेयर उत्पादों की 50 प्रतिशत खपत सरकारी विभागों और परियोजनाओं में होती है। यह अनुबंध एक वर्ष से लेकर तीन वर्ष पहले किए जाते हैं, लेकिन बदलती हुई परिस्थितियों में इन्हें पूरा करना संभव नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरकार को इन अनुबंधों की दरों में बदलाव का विकल्प बनाना चाहिए और आयात शुल्क में छूट बढ़ा देनी चाहिए। उन्होंने बताया कि देश में इस्तेमाल होने वाले कुल आईटी हार्डवेयर का 85 प्रतिशत हिस्सा आयात किया जाता है और इसकी लागत में लगातार इजाफा हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि अगर यही स्थिति जारी रहती है तो हार्डवेयर कंपनियां 40 से 45 दिन के भीतर बंद हो जाएंगी। पिछले 90 दिन में महज रुपए में गिरावट के कारण हार्डवेयर कंपनियों को 300 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
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