सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कम्पनी एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल शनिवार को 26वें दिन में प्रवेश कर गई और इसके कारण विमानन कंपनी का घाटा बढ़कर 350 करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो कंपनी के लिए अब तक किसी भी हड़ताल से बड़ा नुकसान है। कंपनी के एक अधिकारी ने कहा कि नुकसान टिकट रद्द कराने, कर्मचारियों और अधिकतर बोइंग 777 विमानों के बेकार पड़े रहने के कारण हुआ।
उन्होंने कहा कि शनिवार से नुकसान के घटकर रोजाना पांच करोड़ रुपये तक रह जाने का अनुमान है। पुरानी विमानन कंपनी इंडियन एयरलाइंस के साथ विलय से पहले वाली एयर इंडिया के पायलटों वाले इंडियन पायलट गिल्ड (आईपीजी) के सदस्य पायलट आठ मई से हड़ताल पर हैं। वे पुरानी इंडियन एयरलाइंस से संबंधित पायलटों को बोइंग 787 ड्रीमलाइनर का प्रशिक्षण दिए जाने का विरोध कर रहे हैं।
विमानन कंपनी ने शुक्रवार को हड़ताल से प्रभावित अंतर्राष्ट्रीय संचालनों को बरकरार रखने के लिए अंतरिम योजना लागू की। अधिकारी ने कहा कि अंतरिम योजना के तहत कम यात्री वाले गंतव्यों को कुछ समय के लिए उड़ान योजना से हटा दिया गया है। हांगकांग, ओसाका, सिओल और टोरंटो जैसे सात अंतर्राष्ट्रीय गंतव्य इनमें शामिल हैं।
तो एयर इंडिया को होगी मुश्किल : अधिकारी
एयर इंडिया के पायलटों ने यदि अपनी हड़ताल वापस नहीं ली तो कंपनी सम्भवत: लंबे समय तक अपना वजूद नहीं बचा सकेगी। यह बात कंपनी के प्रमुख रोहित नंदन ने शनिवार को कही। नंदन ने आईएएनएस से कहा कि यदि विमानन कंपनी का वजूद लम्बे समय में बनाए रखना है, तो पायलटों के लिए जरूरी है कि वे काम पर लौटें।
उन्होंने कहा कि उन्हें (पायलट) समझना चाहिए कि इस हड़ताल का विमानन कम्पनी और इसके भविष्य पर क्या असर होगा। एयर इंडिया के पायलटों की हड़ताल शनिवार को 26वें दिन में प्रवेश कर गई और इसके कारण विमानन कम्पनी का घाटा बढ़कर 350 करोड़ रुपये से अधिक हो गया, जो कम्पनी के लिए अब तक किसी भी हड़ताल से बड़ा नुकसान है।
एयर इंडिया ने नई रोस्टर प्रणाली लागू की
एयर इंडिया ने मेनुअल की जगह इलेक्ट्रॉनिक चालक प्रबंधन प्रणाली लागू कर दी है। इसका मकसद कर्मचारियों को उड़ान ड्यूटी आवंटित करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी को रोकना है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के बयान के मुताबिक उड्डयन मंत्री अजित सिंह के निर्देश के बाद कम्पनी ने शुक्रवार से इलेक्ट्रॉनिक रोस्टर प्रणाली लागू की।
अन्य बातों के अलावा यह प्रणाली कर्मचारियों के काम के समय, छुट्टी, बीमारी जैसी अन्य बातों का भी प्रबंधन करेगी। फिलहाल नई प्रणाली सिर्फ कॉकपिट के चालक दल के लिए लागू की गई है, लेकिन जून के मध्य के बाद यह प्रणाली केबिन के चालक दल तथा सहायक कर्मचारियों के लिए भी लागू कर दी जाएगी।