बहुराष्ट्रीय बैंक स्टैंडर्ड चार्टर्ड ने देश के बढ़ते राजकोषीय व चालू घाटे और महंगाई के ऊंचे स्तर का हवाला देते हुए भारत की आर्थिक वृद्धि के पूर्वानुमान को 6.57 प्रतिशत से घटाकर 6 फीसदी कर दिया है। बैंक ने अर्थव्यवस्था के धीमेपन के चलते रिजर्व बैंक पर रेपो दर में चौथाई फीसदी की कटौती का दबाव बनने की बात भी कही है।बैंक ने कहा है कि औद्योगिक गतिविधियों में आई सुस्ती के साथ ही आर्थिक मोर्चे पर मिल रही कड़ी चुनौतियों के कारण जनवरी-मार्च तिमाही में देश की जीडीपी दर 6.57 प्रतिशत के बजाय 6 फीसदी पर ही सिमट जाएगी।
बैंक की ओर से जनवरी-मार्च के आंकडे़ 31 मई को जारी किए जाने हैं। बैंक ने कहा है कि अर्थव्यवस्था में आ रहे इस धीमेपन से सरकार पर कुछ सख्त उपाय करने का दबाव बनेगा साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से भी 18 जून को अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में रेपो दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती की संभावना बनी रहेगी।