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Job: बजट सर्वे में 25% पेशेवरों को नौकरी जाने का खतरा, महंगाई से 75 फीसदी भारतीय परेशान

बिजनेस डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: वीरेंद्र शर्मा Updated Thu, 26 Jan 2023 06:14 AM IST
सार

मार्केटिंग डाटा एवं एनालिटिक्स फर्म कांतार के ‘भारत आम बजट सर्वे’ के दूसरे संस्करण में पाया गया है कि उपभोक्ता आयकर के संबंध में नीतिगत परिवर्तनों की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं।

25 percent of professionals are at risk of losing their jobs in the budget survey
Job Tips - फोटो : Istock

विस्तार

हर चार में से एक यानी 25 फीसदी भारतीयों को नौकरी जाने का डर है। वहीं, चार में तीन यानी 75 फीसदी बढ़ती महंगाई को लेकर परेशान हैं। इसके बावजूद करीब आधे लोगों का मानना है कि 2023 में देश की अर्थव्यवस्था बढ़ेगी।


मार्केटिंग डाटा एवं एनालिटिक्स फर्म कांतार के ‘भारत आम बजट सर्वे’ के दूसरे संस्करण में पाया गया है कि उपभोक्ता आयकर के संबंध में नीतिगत परिवर्तनों की घोषणा की उम्मीद कर रहे हैं। इसमें मौजूदा 2.5 लाख रुपये की बुनियादी आयकर छूट की सीमा सबसे महत्वपूर्ण उम्मीद है।


सर्वे के मुताबिक, 50 फीसदी का मानना है कि 2023 में घरेलू अर्थव्यवस्था बढ़ेगी। 31 फीसदी को इसकी रफ्तार कम होने की आशंका है। हालांकि, भारतीयों को वैश्विक आर्थिक मंदी और कोरोना का प्रकोप फिर शुरू होने की आशंका भी सता रही है। कांतार के कार्यकारी प्रबंध निदेशक दीपेंद्र राणा ने कहा, भारतीयों की सोच 2023 में व्यापक आर्थिक प्रदर्शन को लेकर सकारात्मक है। यह सर्वे 12 शहरों में 21-55 वर्ष के आयुवर्ग के लेागों के बीच 15 दिसंबर, 2022 से 15 जनवरी, 2023 के दौरान किया गया है। 50% भारतीयों को 2023 में जीडीपी के बढ़ने की उम्मीद, 31% को रफ्तार घटने की आशंका है। 

निवेशकों को संतुलित बजट की है उम्मीद
शेयर बाजार के निवेशकों को संतुलित बजट की उम्मीद है। उनका मानना है कि सरकार बजट में रोजगार सृजन, बुनियादी ढांचे पर खर्च बढ़ाने, घाटे पर काबू पाने और अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने पर जोर देगी।
आनंद राठी शेयर्स एंड स्टॉक ब्रोकर्स के इक्विटी शोध प्रमुख नरेंद्र सोलंकी ने कहा, इक्विटी निवेशक बजट में पूंजीगत लाभ के लिए एक समान कर संरचना की उम्मीद कर रहे हैं।
निवेशक वृद्धि की राह की बाधाएं दूर करने के लिए नीतिगत सुधारों की उम्मीद कर रहे हैं। इन सुधारों में सब्सिडी, विनिवेश लक्ष्यों के लिए स्पष्ट निर्देश व निजीकरण में तेजी लाना शामिल है।
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जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के वीके विजयकुमार ने कहा, बाजार की नजर 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे पर रहेगी। 6 फीसदी से ऊपर का आंकड़ा बाजार को निराश करेगा।
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