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हाय ....ज़िन्दगी में इतने चैलेंजेस क्यूँ होते हैं :(किसी भी काम को करने के लिए कमर कसनी पड़ती है और जब बात अपने प्यार यानि अविनाश पर आ जाती है तब तो कोई रिस्क उठाने की हिम्मत भी नहीं होती। वेल अपनी साड़ी ड्रेपिंग क्लासेज ज्वाइन करने के बाद ऐसा फील हो रहा था कि मेरी माँ इतनी भी बुरी नहीं हैं। आज तीनो तरह की साड़ी वियर करना सीखा। कुछ खट्टा-कुछ मीठा एक्सपीरियंस रहा। इसके बाद सीधे कॉलेज निकल गयी।
कॉलेज पहुँचते ही निशा मैम से सामना हुआ। अपनी वही 32 दांतों की मुस्कान बिखेर रही थीं। मैंने हाय-हेलो की, और शायद वो मेरे बोलने का ही वेट कर रही थीं। तुरंत बोलीं हाय पिंकी ..बताओ तो ज़रा मेरी ये साड़ी कैसी लग रही है? मैंने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा। उनकी साड़ी सच में बहुत मस्त थी और उन पर काफी सूट भी कर रही थी। मैंने कहा इट्स कूल मैम। सुनकर वो खुश हो गयीं और बोलीं 'किसी को बताना मत, तुम्हारे अविनाश सर ने मुझे गिफ्ट की है।' मेरे तो तन-बदन में आग गयी। यहाँ मैं अविनाश के लिए साड़ी पहनना सीख रही हूँ, वहां वो निशा को साड़ी गिफ्ट कर रहा है। इस निशा की तो मैं .....बीप,बीप,बीप।
मैंने पूछा 'आपका बर्थडे है क्या मैम?' वो बोलीं 'ओह नो नो, अभी अविनाश एक शादी अटेंड करने बाहर गया था, वहीँ से लाया है। उसे पता है कि मुझे साड़ी का कितना शौक है। ये अविनाश शादी अटेंड करने गया था या खुद की शादी की तैयारी करने। अब तो मेरा शक़ यकीन में बदलने लगा था। निशा के साथ कुछ तो लफड़ा है बॉस। वरना कोई किसी को साड़ी क्यूँ गिफ्ट करेगा? इतने में निशा मैम बोलीं मैंने अभी इसका पेटीकोट भी नहीं सिलवाया है। मैंने कहा 'पेटीकोट भी कोई सिलवाता है क्या? वो तो मार्किट में यूँ ही मिल जाते हैं। तब निशा मैम ने बताया कि जैसे फिटिंग का ब्लाउज होता है वैसे ही फिटिंग का पेटीकोट भी सिलवाते हैं, तभी साड़ी में सही 'शेप' उभरकर आती है। साला ये बात मुझे अब पता चली। ये निशा मैम तो आगे के साथ-साथ पीछे से भी वार करती हैं।
इसके साथ ही मुझे एक और बात भी पता चली कि जिस तरह पैड वाली ब्रा होती है उसी तरह हिप्स बड़े दिखाने के लिए भी हिप्स पैड्स आते हैं। अब तो मुझे हर किसी के फिगर पर शक होने लगा था। सब पैड्स का कमाल है। बेचारे लड़के तो धोखे में जी रहे हैं। सारा दिन इसी बारे में सोचती रही। घर वापस आई तो मम्मी ने साड़ी ड्रेपिंग क्लास के बारे में पूरी इनफार्मेशन ली। और ऐसे ही खाते पीते दिन ख़त्म। फिलहाल तो कल के लिए मैंने एक अच्छी सी साड़ी, ब्लाउज,पेटीकोट रख लिया है। बाकी बातें कल मेरी डायरी। गुड नाईट।
हाय ....ज़िन्दगी में इतने चैलेंजेस क्यूँ होते हैं :(किसी भी काम को करने के लिए कमर कसनी पड़ती है और जब बात अपने प्यार यानि अविनाश पर आ जाती है तब तो कोई रिस्क उठाने की हिम्मत भी नहीं होती। वेल अपनी साड़ी ड्रेपिंग क्लासेज ज्वाइन करने के बाद ऐसा फील हो रहा था कि मेरी माँ इतनी भी बुरी नहीं हैं। आज तीनो तरह की साड़ी वियर करना सीखा। कुछ खट्टा-कुछ मीठा एक्सपीरियंस रहा। इसके बाद सीधे कॉलेज निकल गयी।
कॉलेज पहुँचते ही निशा मैम से सामना हुआ। अपनी वही 32 दांतों की मुस्कान बिखेर रही थीं। मैंने हाय-हेलो की, और शायद वो मेरे बोलने का ही वेट कर रही थीं। तुरंत बोलीं हाय पिंकी ..बताओ तो ज़रा मेरी ये साड़ी कैसी लग रही है? मैंने उन्हें ऊपर से नीचे तक देखा। उनकी साड़ी सच में बहुत मस्त थी और उन पर काफी सूट भी कर रही थी। मैंने कहा इट्स कूल मैम। सुनकर वो खुश हो गयीं और बोलीं 'किसी को बताना मत, तुम्हारे अविनाश सर ने मुझे गिफ्ट की है।' मेरे तो तन-बदन में आग गयी। यहाँ मैं अविनाश के लिए साड़ी पहनना सीख रही हूँ, वहां वो निशा को साड़ी गिफ्ट कर रहा है। इस निशा की तो मैं .....बीप,बीप,बीप।
मैंने पूछा 'आपका बर्थडे है क्या मैम?' वो बोलीं 'ओह नो नो, अभी अविनाश एक शादी अटेंड करने बाहर गया था, वहीँ से लाया है। उसे पता है कि मुझे साड़ी का कितना शौक है। ये अविनाश शादी अटेंड करने गया था या खुद की शादी की तैयारी करने। अब तो मेरा शक़ यकीन में बदलने लगा था। निशा के साथ कुछ तो लफड़ा है बॉस। वरना कोई किसी को साड़ी क्यूँ गिफ्ट करेगा? इतने में निशा मैम बोलीं मैंने अभी इसका पेटीकोट भी नहीं सिलवाया है। मैंने कहा 'पेटीकोट भी कोई सिलवाता है क्या? वो तो मार्किट में यूँ ही मिल जाते हैं। तब निशा मैम ने बताया कि जैसे फिटिंग का ब्लाउज होता है वैसे ही फिटिंग का पेटीकोट भी सिलवाते हैं, तभी साड़ी में सही 'शेप' उभरकर आती है। साला ये बात मुझे अब पता चली। ये निशा मैम तो आगे के साथ-साथ पीछे से भी वार करती हैं।
इसके साथ ही मुझे एक और बात भी पता चली कि जिस तरह पैड वाली ब्रा होती है उसी तरह हिप्स बड़े दिखाने के लिए भी हिप्स पैड्स आते हैं। अब तो मुझे हर किसी के फिगर पर शक होने लगा था। सब पैड्स का कमाल है। बेचारे लड़के तो धोखे में जी रहे हैं। सारा दिन इसी बारे में सोचती रही। घर वापस आई तो मम्मी ने साड़ी ड्रेपिंग क्लास के बारे में पूरी इनफार्मेशन ली। और ऐसे ही खाते पीते दिन ख़त्म। फिलहाल तो कल के लिए मैंने एक अच्छी सी साड़ी, ब्लाउज,पेटीकोट रख लिया है। बाकी बातें कल मेरी डायरी। गुड नाईट।