राजस्थान के बूंदी जिले में पांच साल की मासूम का गलती से टिटहरी के घोंसले पर पैर पड़ना पंचों को इतना नागवार गुजरा कि उसे जाति से बाहर निकालने का फरमान ही सुना डाला। मासूम को इतनी गर्मी में घर से बाहर टीनशेड में दस दिन गुजारने पड़े। बाल संरक्षण आयोग को मामले का पता चलने पर पंचों के खिलाफ मासूम को प्रताड़ित करने के तहत बृहस्पतिवार को मामला दर्ज करवाया गया है। आयोग ने बूंदी के कलेक्टर व एसपी से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है।
जानकारी के अनुसार बूंदी के हरिपुरा गांव निवासी मासूम का दस दिन पूर्व गलती से टिटहरी के घोंसले पर पैर पड़ गया था, जिससे उसके अंडे फूट गए थे। इस मामले में पंचायत बैठी, जिसमें बच्ची को जाति से बाहर करने का फैसला सुना दिया गया। साथ ही बच्ची को घर से सटे टीनशेड में तीन दिनों तक रहने की सजा भी सुनाई गई।
जहां उसकी मां को भी सम्पर्क करने से मना कर दिया गया था। जब उसके पिता ने इस बात का विरोध किया को वो तीन दिन की सजा दस दिन कर दी गई। दस दिन बाद जब ये मामला उजागर हुआ, तो बूंदी कलेक्टर महेश चंद शर्मा ने एसपी के साथ जाकर बच्ची की घर वापसी करवाई। इसके बाद बाल संरक्षण आयोग ने आपत्ति जताई और आरोपियों के खिलाफ मामला भी दर्ज करवाया गया।