उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल में प्रियंका गांधी ने बड़ा राजनीतिक अभियान चलाया है। इन राजनीतिक अभियानों को नए साल 2021 में कैलेंडर जारी करके पार्टी को गांव-गांव स्तर पर संदेश पहुंचाने की योजना है। इस कलेंडर में प्रियंका गांधी वाड्रा किसान महिलाओं के साथ गांव में खेतों की मेड़ से होकर जा रही हैं, गुरु रविदास जयंती पर उन्हें मोमेंटो देने, सरकार की तमाम अड़चन के बाद भी हाथरस गैंगरेप पीडि़त की मां तक पहुंचने, दर्द साझा करने, गले लगाने, अमेठी में महिलाओं के साथ मिलते हुए, उज्जैन में महाकाल का दर्शन करते हुए जैसी तस्वीरें हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस की योजना जन-जन तक अपनी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव को लेकर संदेश पहुंचाने की है। यह बताना है कि कांग्रेस सभी का आदर करती है, सबके साथ खड़ी है और लोकतंत्र में भरोसा रखती है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के मुताबिक इस कलेंडर की दो-तीन लाख प्रतियां पूरे प्रदेश में गांव-गांव तक बंटवाई जाएंगी। लल्लू कहते हैं कि पुरानी गलतियों से पार्टी ने सही समय पर सबक लिया होता तो आज यह स्थिति ही क्यों पैदा होती, लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के मार्गदर्शन में अब पार्टी संगठन में सबकुछ ठीक किया जा रहा है।
जाहिर है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से छवियुद्ध के लिए कांग्रेस की सेना तैयार कर रही हैं। उनके निशाने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती भी हैं। प्रियंका गांधी की पूरी कोशिश है कि कांग्रेस की मेहनत से खड़ी की गई सरकार विरोधी लहर से दोनों दलों को दूर रखा जाए।
संगठन में डाल दी है जान, दिखेगी भीड़, बदलेगी कांग्रेस
प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संगठन में जान डालने में जुटी हैं। 8153 ग्राम पंचायतों में से कांग्रेस ने 6500 में संगठन को नए सिरे से खड़ा कर दिया है। 25 जनवरी तक सभी ग्राम पंचायतों में संगठन का काम पूरा हो जाएगा। 60 हजार ग्राम सभा इकाइयों में भी फरवरी तक संगठन को धार देने का लक्ष्य रखा गया है। अजय कुमार लल्लू का कहना है कि अब प्रदेश के हर गांव में 15-20 लोग कांग्रेस पार्टी के संगठन से जुड़े होंगे। एनएसयूआई, युवक कांग्रेस, महिला मोर्चा, कांग्रेस सेवादल, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक सभी संगठनों, विभागों से जुड़े लोग हर गांव, ग्राम पंचायत, ब्लॉक, तहसील और जिले स्तर पर होंगे। यह पूरी तैयारी फरवरी-मार्च 2021 तक पूरी हो जाएगी। इसके साथ-साथ पार्टी जनसंपर्क अभियान, जागरुकता अभियान, गांव से लेकर जिला स्तर तक के अभियानों को तेज कर देगी।
2007, 2012, 2017 से सबक, 2022 की तैयारी, बनाएंगे सरकार
कांग्रेस की तैयारी और मंशा से साफ है कि वह 2022 में उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का सपना देख रही है। चेहरा प्रियंका गांधी ही होंगी और मुख्यमंत्री की उम्मीदवार भी। हालांकि अभी कांग्रेस के नेता इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष ने इसका खुलासा करते हुए केवल इतना कहा था कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी बहुत बड़े मिशन पर हैं। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी प्रियंका गांधी के प्रमुख सलाहकारों में हैं। उन्हें भी उम्मीद है कि 2022 में कांग्रेस कुछ बड़ा करेगी। बनारस से पूर्व सांसद राजेश मिश्रा कहते हैं कि राज्य में गांव, ब्लॉक, तहसील स्तर हमें बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। प्रियंका फैसला लेने में देर नहीं लगातीं और संगठन को मजबूत बनाने के लिए उनकी कोशिश लगातार जारी है। राजेश मिश्रा कहते हैं कि इस तरह से संगठन के लिए देर से ही सही लेकिन ठीक ढंग से हो रहा है। संगठन ही किसी भी राजनीतिक दल की मुख्य जान होती है।
संगठन में धार तय करेगा 2022 की जीत
अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख नदीम जावेद बड़ी मेहनत कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि 2005 से कांग्रेस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सरकार के खिलाफ अभियान चलाया, लेकिन 2007 में बसपा प्रमुख मायावती ने इसका लाभ ले लिया। 2009 के बाद से मायावती सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाया, मुद्दे खड़े किए और 2012 में समाजवादी पार्टी के नेता इसका लाभ लेने में सफल रहे। बताते हैं कि अखिलेश सरकार की नाकामियों का लाभ 2017 में भाजपा को मिल गया। क्योंकि कांग्रेस का राज्य में संगठन काफी कमजोर था। कांग्रेस की राजनीतिक कमाई दूसरे दलों के खाते में चली जाती थी। इसलिए इस बार कांग्रेस ने राज्य में संगठन को धार दी है, ताकि हर गांव में उसके 20-25 स्थानीय नेता पार्टी के वोटों को छिटकने से रोक सकें।
जानकारों का मानना है कि इतने सालों से लगातार अपनी राजनीतिक कमाई का फायदा दूसरों को अनायास ही पहुंचा देने वाली कांग्रेस की स्थिति फिल्म अनाड़ी के चर्चित गीत से मेल खाती नज़र आती रही है- 'सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी, सच है दुनिया वालों, कि हम हैं अनाड़ी'। लेकिन अब प्रियंका गांधी इस धब्बे को मिटाना चाहती हैं और कांग्रेस को 'अनाड़ी' नहीं 'खिलाड़ी' बनाने की मुहिम में लग गई हैं।
विस्तार
उत्तर प्रदेश में पिछले दो साल में प्रियंका गांधी ने बड़ा राजनीतिक अभियान चलाया है। इन राजनीतिक अभियानों को नए साल 2021 में कैलेंडर जारी करके पार्टी को गांव-गांव स्तर पर संदेश पहुंचाने की योजना है। इस कलेंडर में प्रियंका गांधी वाड्रा किसान महिलाओं के साथ गांव में खेतों की मेड़ से होकर जा रही हैं, गुरु रविदास जयंती पर उन्हें मोमेंटो देने, सरकार की तमाम अड़चन के बाद भी हाथरस गैंगरेप पीडि़त की मां तक पहुंचने, दर्द साझा करने, गले लगाने, अमेठी में महिलाओं के साथ मिलते हुए, उज्जैन में महाकाल का दर्शन करते हुए जैसी तस्वीरें हैं। कुल मिलाकर कांग्रेस की योजना जन-जन तक अपनी उत्तर प्रदेश की प्रभारी महासचिव को लेकर संदेश पहुंचाने की है। यह बताना है कि कांग्रेस सभी का आदर करती है, सबके साथ खड़ी है और लोकतंत्र में भरोसा रखती है।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के मुताबिक इस कलेंडर की दो-तीन लाख प्रतियां पूरे प्रदेश में गांव-गांव तक बंटवाई जाएंगी। लल्लू कहते हैं कि पुरानी गलतियों से पार्टी ने सही समय पर सबक लिया होता तो आज यह स्थिति ही क्यों पैदा होती, लेकिन कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के मार्गदर्शन में अब पार्टी संगठन में सबकुछ ठीक किया जा रहा है।
जाहिर है कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से छवियुद्ध के लिए कांग्रेस की सेना तैयार कर रही हैं। उनके निशाने पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती भी हैं। प्रियंका गांधी की पूरी कोशिश है कि कांग्रेस की मेहनत से खड़ी की गई सरकार विरोधी लहर से दोनों दलों को दूर रखा जाए।
संगठन में डाल दी है जान, दिखेगी भीड़, बदलेगी कांग्रेस
प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस संगठन में जान डालने में जुटी हैं। 8153 ग्राम पंचायतों में से कांग्रेस ने 6500 में संगठन को नए सिरे से खड़ा कर दिया है। 25 जनवरी तक सभी ग्राम पंचायतों में संगठन का काम पूरा हो जाएगा। 60 हजार ग्राम सभा इकाइयों में भी फरवरी तक संगठन को धार देने का लक्ष्य रखा गया है। अजय कुमार लल्लू का कहना है कि अब प्रदेश के हर गांव में 15-20 लोग कांग्रेस पार्टी के संगठन से जुड़े होंगे। एनएसयूआई, युवक कांग्रेस, महिला मोर्चा, कांग्रेस सेवादल, अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक सभी संगठनों, विभागों से जुड़े लोग हर गांव, ग्राम पंचायत, ब्लॉक, तहसील और जिले स्तर पर होंगे। यह पूरी तैयारी फरवरी-मार्च 2021 तक पूरी हो जाएगी। इसके साथ-साथ पार्टी जनसंपर्क अभियान, जागरुकता अभियान, गांव से लेकर जिला स्तर तक के अभियानों को तेज कर देगी।
Priyanka Gandhi Calander 2021
- फोटो : Amar Ujala
2007, 2012, 2017 से सबक, 2022 की तैयारी, बनाएंगे सरकार
कांग्रेस की तैयारी और मंशा से साफ है कि वह 2022 में उत्तर प्रदेश में सरकार बनाने का सपना देख रही है। चेहरा प्रियंका गांधी ही होंगी और मुख्यमंत्री की उम्मीदवार भी। हालांकि अभी कांग्रेस के नेता इसकी पुष्टि नहीं कर रहे हैं। 2019 में लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष ने इसका खुलासा करते हुए केवल इतना कहा था कि उत्तर प्रदेश में प्रियंका गांधी बहुत बड़े मिशन पर हैं। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी प्रियंका गांधी के प्रमुख सलाहकारों में हैं। उन्हें भी उम्मीद है कि 2022 में कांग्रेस कुछ बड़ा करेगी। बनारस से पूर्व सांसद राजेश मिश्रा कहते हैं कि राज्य में गांव, ब्लॉक, तहसील स्तर हमें बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। प्रियंका फैसला लेने में देर नहीं लगातीं और संगठन को मजबूत बनाने के लिए उनकी कोशिश लगातार जारी है। राजेश मिश्रा कहते हैं कि इस तरह से संगठन के लिए देर से ही सही लेकिन ठीक ढंग से हो रहा है। संगठन ही किसी भी राजनीतिक दल की मुख्य जान होती है।
संगठन में धार तय करेगा 2022 की जीत
अल्पसंख्यक विभाग के प्रमुख नदीम जावेद बड़ी मेहनत कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि 2005 से कांग्रेस ने तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव सरकार के खिलाफ अभियान चलाया, लेकिन 2007 में बसपा प्रमुख मायावती ने इसका लाभ ले लिया। 2009 के बाद से मायावती सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में जनजागरण अभियान चलाया, मुद्दे खड़े किए और 2012 में समाजवादी पार्टी के नेता इसका लाभ लेने में सफल रहे। बताते हैं कि अखिलेश सरकार की नाकामियों का लाभ 2017 में भाजपा को मिल गया। क्योंकि कांग्रेस का राज्य में संगठन काफी कमजोर था। कांग्रेस की राजनीतिक कमाई दूसरे दलों के खाते में चली जाती थी। इसलिए इस बार कांग्रेस ने राज्य में संगठन को धार दी है, ताकि हर गांव में उसके 20-25 स्थानीय नेता पार्टी के वोटों को छिटकने से रोक सकें।
जानकारों का मानना है कि इतने सालों से लगातार अपनी राजनीतिक कमाई का फायदा दूसरों को अनायास ही पहुंचा देने वाली कांग्रेस की स्थिति फिल्म अनाड़ी के चर्चित गीत से मेल खाती नज़र आती रही है- 'सब कुछ सीखा हमने, ना सीखी होशियारी, सच है दुनिया वालों, कि हम हैं अनाड़ी'। लेकिन अब प्रियंका गांधी इस धब्बे को मिटाना चाहती हैं और कांग्रेस को 'अनाड़ी' नहीं 'खिलाड़ी' बनाने की मुहिम में लग गई हैं।