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तहसीलदार की क्रूरता: जनता कर्फ्यू का उल्लंघन करने पर चलाया 'मेंढक चाल', जो न चल सका उसे मारी लात

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर Published by: सुरेंद्र जोशी Updated Mon, 03 May 2021 05:10 PM IST
सार

इंदौर का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। उसमें कुछ लोग मेंढक चाल चल रहे हैं और एक व्यक्ति जो नहीं चल सका, उसे वह लात मारते हुए नजर आ रहे हैं। 
 

Tahsildars cruelty: Frog like waking for those who violate the public curfew, kicked who could not walk
इंदौर पुलिस ने बदमाशों को बीच सड़क बनाया मुर्गा, file photo - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

कोरोना काल में आए दिन हैरान व व्यथित करने वाले मामले सामने आ रहे हैं। अब मध्यप्रदेश के इंदौर जिले के देपालपुर कस्बे में जनता कर्फ्यू का उल्लंघन करने वालों के साथ तहसीलदार द्वारा क्रूरता बरतने का वीडियो सामने आया है। 



इंदौर जिले में कोविड-19 की रोकथाम के लिए लागू जनता कर्फ्यू लागू है। इसके उल्लंघन पर सख्त सजा व जुर्माने का प्रावधान है। लेकिन देपालपुर के तहसीलदार साहब ने सजा के तौर पर "मेंढक चाल" चलने में नाकाम रहे एक व्यक्ति पर आग-बबूला होकर कथित रूप से उसे जोरदार लात मार दी।


रविवार की है घटना
इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसके कारण प्रशासन को आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस घटना के बारे में बताया जा रहा है कि यह जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर देपालपुर कस्बे में रविवार की है। इस वीडियो में पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उन लोगों को मेंढक चाल (दोनों पैरों के बल जमीन पर बैठकर मेंढक की तरह उछल-उछल कर चलना) की सजा देते नजर आ रहे हैं जो जनता कर्फ्यू का उल्लंघन कर बाहर घूम रहे थे।

ढोल की धुन पर जुलूस के रूप में चलवाया
चश्मदीदों के मुताबिक इन लोगों को मेंढक चाल चलवाकर ढोल की धुन पर कस्बे में जुलूस के रूप में घुमाया जा रहा था। उन्होंने बताया कि इनमें से एक व्यक्ति किसी परेशानी के चलते मेंढक चाल नहीं चल पा रहा था, इस पर एक तहसीलदार ने गुस्से में व्यक्ति के शरीर के पिछले हिस्से में जोरदार लात मार दी।

कलेक्टर बोले-गलत कृत्य, मैंने उन्हें फटकारा
इस वाकये के बारे में पूछे जाने पर जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने सोमवार को कहा कि उन्होंने (तहसीलदार) इस प्रकार का जो कृत्य किया, वह बिल्कुल गलत था और मैंने इसके लिए उन्हें फटकारा भी है। कलेक्टर ने यह भी कहा, जब भी महामारी रोग अधिनियम लागू होता है, तब कोई भी व्यक्ति नहीं कह सकता कि उसकी जान की जिम्मेदारी केवल उसी की है। उसकी जान की जिम्मेदारी प्रशासन की रहती है। अगर वह व्यक्ति कोई लापरवाही करता है, तो दंड का भागी जरूर होता है। 

गौरतलब है कि इंदौर, मप्र में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की दूसरी लहर की रोकथाम के लिए जनता कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) लागू है। कर्फ्यू के दौरान लोगों को बेहद जरूरी काम होने पर ही घर से बाहर निकलने की इजाजत है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक करीब 35 लाख की आबादी वाले जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 1,16,280 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,163 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

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