न्यूज डेस्क, अमर उजाला, खुरगोन
Published by: Shilpa Thakur
Updated Fri, 18 Jan 2019 11:41 AM IST
मध्यप्रदेश में किसानों के साथ ऋणमाफी के नाम पर एक तरह का मजाक किया जा रहा है। राज्य के खुरगोन में किसान दो माह से ऋणमाफी की जिस लिस्ट का इंतजार कर रहे थे, उसके देखते ही वह हैरान रह गए। सूची में दर्शाया गया कि किसानों का केवल 25 से 30 रुपये का ऋण माफ हुआ है। किसान इस बात से बेहद नाराज हैं और उनका कहना है कि कर्ज की राशि लाखों में है।
प्रशासन के अनुसार ये सूची उन्हीं किसानों की है जिनपर 31 मार्च 2018 की अवधि तक ऋण है। बता दें चुनावों से पहले कांग्रेस ने सभी किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। कर्जमाफी की सूची जय किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत स्थानीय टाउन हॉल में लगाई गई।
सूची देख रहे किसानों में से जैतपुर के किसान प्रकाश का कहना है कि उनके 25 रुपये माफ हुए हैं। जबकि उन्होंने ढाई लाख रुपये का कर्ज लिया था। ठीक इसी तरह सिकंदरपुरा के अमित नामक किसान के 300 रुपये माफ हुए हैं, जबकि उसपर 30 हजार रुपये का कर्ज था। किसानों का कहना है कि उन्होंने असुविधा से बचने के लिए अपने स्तर पर कर्ज की राशि जुटाकर जाम करवाई और खाता शून्य लेकर फिर से कर्ज लिया लेकिन फिर भी उनके साथ ऐसा हुआ।
विभाग के मुताबिक जिले में करीब 2 लाख 57 हजार 600 ऐसे किसान हैं जिनपर कर्ज है। इनमें एक लाख 52 हजार सहकारी बैंकों के और 20 हजार 600 राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसान शामिल हैं।
मध्यप्रदेश में किसानों के साथ ऋणमाफी के नाम पर एक तरह का मजाक किया जा रहा है। राज्य के खुरगोन में किसान दो माह से ऋणमाफी की जिस लिस्ट का इंतजार कर रहे थे, उसके देखते ही वह हैरान रह गए। सूची में दर्शाया गया कि किसानों का केवल 25 से 30 रुपये का ऋण माफ हुआ है। किसान इस बात से बेहद नाराज हैं और उनका कहना है कि कर्ज की राशि लाखों में है।
प्रशासन के अनुसार ये सूची उन्हीं किसानों की है जिनपर 31 मार्च 2018 की अवधि तक ऋण है। बता दें चुनावों से पहले कांग्रेस ने सभी किसानों का दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की थी। कर्जमाफी की सूची जय किसान ऋण मुक्ति योजना के तहत स्थानीय टाउन हॉल में लगाई गई।
सूची देख रहे किसानों में से जैतपुर के किसान प्रकाश का कहना है कि उनके 25 रुपये माफ हुए हैं। जबकि उन्होंने ढाई लाख रुपये का कर्ज लिया था। ठीक इसी तरह सिकंदरपुरा के अमित नामक किसान के 300 रुपये माफ हुए हैं, जबकि उसपर 30 हजार रुपये का कर्ज था। किसानों का कहना है कि उन्होंने असुविधा से बचने के लिए अपने स्तर पर कर्ज की राशि जुटाकर जाम करवाई और खाता शून्य लेकर फिर से कर्ज लिया लेकिन फिर भी उनके साथ ऐसा हुआ।
विभाग के मुताबिक जिले में करीब 2 लाख 57 हजार 600 ऐसे किसान हैं जिनपर कर्ज है। इनमें एक लाख 52 हजार सहकारी बैंकों के और 20 हजार 600 राष्ट्रीयकृत बैंकों के किसान शामिल हैं।