लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

Epaper in Madhya Pradesh
विज्ञापन
Hindi News ›   Madhya Pradesh ›   Jabalpur News ›   Training of staff required for speedy disposal of cases in courts: President kovind

कोर्ट में मामलों के जल्द निपटारे के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिए जाने की है जरूरत: राष्ट्रपति कोविंद

न्यूज डेस्क, अमर अजाला, जबलपुर Published by: प्रियंका तिवारी Updated Sat, 06 Mar 2021 10:09 PM IST
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद - फोटो : ANI

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शनिवार को जबलपुर में अखिल भारतीय राज्य न्यायिक अकादमियों के निदेशकों के दो दिवसीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने मुकदमों के त्वरित निपटारे के लिए जिला अदालतों के न्यायाधीशों के साथ-साथ अर्द्ध-न्यायिक कर्मचारियों को भी प्रशिक्षण दिए जाने की जरूरत पर जोर दिया।



उन्होंने कहा, ‘अब जरूरत है कि देश की अदालतों, विशेष रूप से जिला अदालतों में लंबित मुकदमों का शीघ्रता से निस्तारण करने के लिए न्यायाधीशों के साथ-साथ अन्य न्यायिक व अर्ध-न्यायिक अधिकारियों के प्रशिक्षण का दायरा बढ़ाया जाए।’


उन्होंने यह भी कहा, ‘इनके बीच, ज्ञान व सूचना के आदान-प्रदान के लिए ऐसे सम्मेलनों के अलावा, कोई अन्य स्थायी मंच स्थापित किया जा सकता है। इससे,  एक ओर जहां मुकदमों के निस्तारण में तेजी आ सकती है, वहीं न्यायिक प्रशासन से जुड़ी प्रक्रियाओं में अखिल भारतीय परिदृश्य का भी विकास हो सकता है।’

सम्मेलन का आयोजन मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय और मध्यप्रदेश राज्य न्यायिक अकादमी (एमपीएसजेए) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। कोविंद ने कोरोना वायरस महामारी के दौरान ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन में उपलब्ध संसाधनों के अधिकतम उपयोग के लिए एमपीएसजेए के प्रयासों की भी सराहना की।

राष्ट्रपति ने न्यायिक प्रणाली में तकनीक के उपयोग में वृद्धि का भी स्वागत करते हुए कहा कि देश में 18,000 अदालतों का कंप्यूटरीकरण पूरा हो चुका है। उन्होंने कहा कि तकनीक के उपयोग से लॉकडाउन की अवधि में जनवरी 2021 तक पूरे देश में लगभग 76 लाख मामलों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंस के जरिये अदालतों में की गई।

कोविंद ने कहा, ‘अब ई-अदालत, वीडियो कॉन्फ्रेंस, ई-कार्यवाही, ई-फाइलिंग और ई-सेवा केंद्रों की सहायता से जहां न्याय-प्रशासन की सुगमता बढ़ी है, वहीं कागज के इस्तेमाल में कमी आने से प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण संभव हुआ है।’ 
विज्ञापन

उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ उच्च न्यायालय भी स्थानीय भाषा में अदालती फैसलों का अनुवाद कराने लगे हैं। मैं इस प्रयास से जुड़े सभी लोगों को हार्दिक बधाई देता हूं, लेकिन अब मेरी अपेक्षाएं कुछ और बढ़ गई हैं। मैं चाहता हूं कि सभी उच्च न्यायालय, अपने-अपने प्रदेश की अधिकृत भाषा में, जन-जीवन के महत्वपूर्ण पक्षों से जुड़े निर्णयों का प्रमाणित अनुवाद, उच्चतम न्यायालय की तरह एक ही समय पर उपलब्ध व प्रकाशित कराएं।’

राष्ट्रपति ने उनके सुझाव पर शीर्ष अदालत द्वारा इस दिशा में कार्य करते हुए न्यायालय के निर्णयों का अनुवाद नौ भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराने की प्रशंसा की।

विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;