Hindi News
›
Madhya Pradesh
›
Indore: IIM started data science course in collaboration with IIT, technical skills will be combined with business knowledge
{"_id":"623ab95558e13c08f63ceb46","slug":"indore-iim-started-data-science-course-in-collaboration-with-iit-technical-skills-will-be-combined-with-business-knowledge","type":"story","status":"publish","title_hn":"इंदौर: आईआईएम ने आईआईटी के साथ मिलकर शुरू किया डाटा साइंस कोर्स, व्यावसायिक ज्ञान के साथ रहेगा तकनीकी कौशल","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
इंदौर: आईआईएम ने आईआईटी के साथ मिलकर शुरू किया डाटा साइंस कोर्स, व्यावसायिक ज्ञान के साथ रहेगा तकनीकी कौशल
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, इंदौर
Published by: चंद्रप्रकाश शर्मा
Updated Wed, 23 Mar 2022 11:38 AM IST
सार
आईआईएम इंदौर ने आईआईटी इंदौर के साथ मिलकर डाटा साइंस का कोर्स शुरू किया है। यह दो साल का कोर्स रहेगा जिसमें मास्टर डिग्री दी जाएगी। शुरुआत में 41 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया है। देशभर के छात्र इसमें हिस्सा ले सकते हैं।
आईआईएम इंदौर
- फोटो : सोशल मीडिया
विज्ञापन
ख़बर सुनें
ख़बर सुनें
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के साथ मिलकर डाटा साइंस का मास्टर डिग्री प्रोग्राम कोर्स शुरू किया है। यह दो साल का पाठ्यक्रम रहेगा, जिसमें 15 घंटे के ऑनलाइन सत्र होंगे। स्किल मैनेजमेंट और एनालिस्ट की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए यह कोर्स शुरू किया गया है।
दरअसल, आईआईएम और आईआईटी के बीच शुरू हो रहे डाटा साइंस प्रोग्राम में देशभर के छात्र हिस्सा ले सकेंगे। इसमें दो सालों तक डाटा साइंस पढ़ाया जाएगा। ऑनलाइन सिलेबस रहेगा और 15 घंटे के लाइव सत्र होंगे। पहली बैच में अब तक 41 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया है। भारत के छात्रों के लिए फीस 12 लाख रुपये जबकि विदेश के छात्रों के लिए 15.6 लाख रुपये फीस है। इस सिलेबस का ऑनलाइन शुभारंभ हुआ। आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय, आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी, पूर्व कार्यवाहक डायरेक्टर प्रो. नीलेश कुमार जैन, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. अमित वत्स व अन्य उपस्थित रहे। आईआईटी के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद मैनेजमेंट, डाटा साइंस और तकनीक में दक्ष मेनपॉवर की जरुरत बढ़ने लगी है। आईआईटी और आईआईएम का यह कोर्स इस तरह से बनाया गया है कि इसमें व्यावसायिक ज्ञान के साथ तकनीकी कौशल भी रहेगा। इस सिलेबस में मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सप्लाय चैन मैनेजमेंट, फायनेंस मैनेजमेंट, डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और स्टैटिस्टिकल मैथड्स, एचआरएम, स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट, इनफॉर्मेशन सिस्टम्स, एथिक्स आदि पर सत्र शामिल हैं। प्रो. नीलेश जैन ने बताया, कोर्स के चार स्तंभ में डाटा, उद्यम रणनीति, प्रौद्योगिकी और लोगों पर ध्यान केंद्रित है। यह कोर्स प्रतिभागियों को उन क्षेत्रों की पहचान कराने में सहायता करेगा, जहां डाटा विज्ञान मूल्य जोड़ सकता है और एल्गोरिदम डेवलपर्स और डेटा विश्लेषकों को जानकारी प्रदान कर सकता है।
दूरदृष्टि से दूर की जा सकती है अस्थिरता
प्रो. हिमांशु राय ने वीयूसीए (Volatility, Uncertainity, Complexity, Ambiguity) अर्थात अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की दुनिया में चुनौतियों को कैसे पार किया जा सकता है विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण यानी विजन से अस्थिरता का मुकाबला किया जा सकता है। दुनिया अस्थिरता का सामना कर रही है, और इसे केवल दूरदृष्टि रखने से ही दूर किया जा सकता है। डाटा की उपलब्धता को सार्थकता में कैसे परिवर्तित किया जाए यह इस सिलेबस से सीखा जा सकेगा। विद्यार्थियों को अपनी दृष्टि में कल्पना जोड़ने और एक ऐसी दुनिया बनाने की दिशा में काम करने की सलाह दी जिसका वे हिस्सा बनना चाहते हैं। सुझाव दिया कि साहस से जटिलता को हराने का प्रयास करना चाहिए। साहस सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक है, क्योंकि यदि आप साहसी नहीं हैं तो आपके पास कोई अन्य मूल्य नहीं हो सकता। अस्पष्टता के मुकाबले के लिए अनुकूलता और चपलता होनी जरूरी है। प्रो.राय ने कहा, यह दुनिया तेजी से बदल रही है। आपको दुनिया की नई वास्तविकताओं के अनुकूल होने की जरूरत है, क्योंकि आने वाले समय में सफलता न केवल योग्यतम के लिए अपितु सबसे फुर्तीले और वातावरण के अनुसार खुद को ढालने वाले के लिए उपलब्ध होगी।
विस्तार
भारतीय प्रबंध संस्थान (आईआईएम) ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) के साथ मिलकर डाटा साइंस का मास्टर डिग्री प्रोग्राम कोर्स शुरू किया है। यह दो साल का पाठ्यक्रम रहेगा, जिसमें 15 घंटे के ऑनलाइन सत्र होंगे। स्किल मैनेजमेंट और एनालिस्ट की बढ़ती मांग को ध्यान में रखते हुए यह कोर्स शुरू किया गया है।
दरअसल, आईआईएम और आईआईटी के बीच शुरू हो रहे डाटा साइंस प्रोग्राम में देशभर के छात्र हिस्सा ले सकेंगे। इसमें दो सालों तक डाटा साइंस पढ़ाया जाएगा। ऑनलाइन सिलेबस रहेगा और 15 घंटे के लाइव सत्र होंगे। पहली बैच में अब तक 41 विद्यार्थियों ने पंजीयन करवाया है। भारत के छात्रों के लिए फीस 12 लाख रुपये जबकि विदेश के छात्रों के लिए 15.6 लाख रुपये फीस है। इस सिलेबस का ऑनलाइन शुभारंभ हुआ। आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर प्रो. हिमांशु राय, आईआईटी इंदौर के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी, पूर्व कार्यवाहक डायरेक्टर प्रो. नीलेश कुमार जैन, प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. अमित वत्स व अन्य उपस्थित रहे। आईआईटी के डायरेक्टर प्रो. सुहास जोशी ने बताया कि कोरोना महामारी के बाद मैनेजमेंट, डाटा साइंस और तकनीक में दक्ष मेनपॉवर की जरुरत बढ़ने लगी है। आईआईटी और आईआईएम का यह कोर्स इस तरह से बनाया गया है कि इसमें व्यावसायिक ज्ञान के साथ तकनीकी कौशल भी रहेगा। इस सिलेबस में मशीन लर्निंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, सप्लाय चैन मैनेजमेंट, फायनेंस मैनेजमेंट, डाटाबेस मैनेजमेंट सिस्टम, प्रोग्रामिंग लैंग्वेज और स्टैटिस्टिकल मैथड्स, एचआरएम, स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट, इनफॉर्मेशन सिस्टम्स, एथिक्स आदि पर सत्र शामिल हैं। प्रो. नीलेश जैन ने बताया, कोर्स के चार स्तंभ में डाटा, उद्यम रणनीति, प्रौद्योगिकी और लोगों पर ध्यान केंद्रित है। यह कोर्स प्रतिभागियों को उन क्षेत्रों की पहचान कराने में सहायता करेगा, जहां डाटा विज्ञान मूल्य जोड़ सकता है और एल्गोरिदम डेवलपर्स और डेटा विश्लेषकों को जानकारी प्रदान कर सकता है।
दूरदृष्टि से दूर की जा सकती है अस्थिरता
प्रो. हिमांशु राय ने वीयूसीए (Volatility, Uncertainity, Complexity, Ambiguity) अर्थात अस्थिरता, अनिश्चितता, जटिलता और अस्पष्टता की दुनिया में चुनौतियों को कैसे पार किया जा सकता है विषय पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि दृष्टिकोण यानी विजन से अस्थिरता का मुकाबला किया जा सकता है। दुनिया अस्थिरता का सामना कर रही है, और इसे केवल दूरदृष्टि रखने से ही दूर किया जा सकता है। डाटा की उपलब्धता को सार्थकता में कैसे परिवर्तित किया जाए यह इस सिलेबस से सीखा जा सकेगा। विद्यार्थियों को अपनी दृष्टि में कल्पना जोड़ने और एक ऐसी दुनिया बनाने की दिशा में काम करने की सलाह दी जिसका वे हिस्सा बनना चाहते हैं। सुझाव दिया कि साहस से जटिलता को हराने का प्रयास करना चाहिए। साहस सबसे महत्वपूर्ण मूल्यों में से एक है, क्योंकि यदि आप साहसी नहीं हैं तो आपके पास कोई अन्य मूल्य नहीं हो सकता। अस्पष्टता के मुकाबले के लिए अनुकूलता और चपलता होनी जरूरी है। प्रो.राय ने कहा, यह दुनिया तेजी से बदल रही है। आपको दुनिया की नई वास्तविकताओं के अनुकूल होने की जरूरत है, क्योंकि आने वाले समय में सफलता न केवल योग्यतम के लिए अपितु सबसे फुर्तीले और वातावरण के अनुसार खुद को ढालने वाले के लिए उपलब्ध होगी।
Link Copied
विज्ञापन
विज्ञापन
रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे| Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.
विज्ञापन
विज्ञापन
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।