शहर में उस समय लोग चौंक गए, जब अचानक पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने एक ऊंची इमारत से एअर लिफ्टिंग बैग की सहायता से लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। पहले तो लोग कुछ समझ नहीं पाए, पर बाद में पता चला कि ये एनडीआरएफ की मॉकड्रिल है।
भूकंप आपदा संकट की स्थिति के अभ्यास के लिए छतरपुर पहुंचे दल ने गत दिवस महाराजा छत्रसाल कॉलेज के प्रांगण में भूकंप पर आधारित जिला स्तरीय संयुक्त मॉकड्रिल का प्रदर्शन किया।
टीम के सदस्यों ने भूकंप आपदा में ध्वस्त इमारत से रोप और माउटेनीरिंग रेस्क्यू और एअर लिफ्टिंग बैग की सहायता से जीवित घायल व्यक्तियों को बाहर निकाला। विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से टीम ने भूकंप के दौरान और उसके बाद मे बरतने वाली सावधानियों के बारे मे भी जानकारी दी।
एनडीआरएफ सदस्यों ने उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए ध्वस्त इमारत से रोप रेस्क्यू और इमरजेंसी रोप स्ट्रेचर की सहायता से घायल व्यक्तियों को ऊंची इमारत से स्लाइड करते हुए बाहर निकाला। रेस्क्यू ने विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए इमारत पर चढ़ने और घायलों को निकालने के तरीकों और एनडीआरएफ की कार्यकुशलता के बारे मे भी प्रदर्शन से समझाया।
भूकंप आपदा संकट की स्थिति के अभ्यास कमांडेंट 11वीं वाहिनी मनोज कुमार शर्मा एनडीआरएफ वाराणसी के निर्देश पर दिनेश कुमार, असिस्टेंट कमांडेंट के नेतृत्व में हुआ। दिनेश कुमार ने बताया कि भूकंप जैसी भयावह आपदा मे गोल्डेन आवर में ही यदि सभी एजेंसियां एक साथ मिलकर काम करें तो जनहानि को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त ऐसी आपदाओं के दौरान ज्यादा भाग-दौड़ न मचाएं और ड्रॉप, होल्ड एंड कवर वाली नीति को आपनाएं तो नुकसान से बचा जा सकता है। मॉकड्रिल प्रदर्शन में संयुक्त कलेक्टर पीयूष भट्ट, कमांडेंट होमगार्ड करण सिंह ठाकुर, जिला सलाहकार आपदा प्रबंधन ऋषि गढ़वाल भी उपस्थित रहे। इस अभ्यास में जिले के पुलिस, पीडब्ल्यूडी, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, नेहरू युवा केंद्र, होमगार्ड आदि ने भी भाग लिया।
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शहर में उस समय लोग चौंक गए, जब अचानक पहुंची एनडीआरएफ की टीम ने एक ऊंची इमारत से एअर लिफ्टिंग बैग की सहायता से लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया। पहले तो लोग कुछ समझ नहीं पाए, पर बाद में पता चला कि ये एनडीआरएफ की मॉकड्रिल है।
भूकंप आपदा संकट की स्थिति के अभ्यास के लिए छतरपुर पहुंचे दल ने गत दिवस महाराजा छत्रसाल कॉलेज के प्रांगण में भूकंप पर आधारित जिला स्तरीय संयुक्त मॉकड्रिल का प्रदर्शन किया।
टीम के सदस्यों ने भूकंप आपदा में ध्वस्त इमारत से रोप और माउटेनीरिंग रेस्क्यू और एअर लिफ्टिंग बैग की सहायता से जीवित घायल व्यक्तियों को बाहर निकाला। विभिन्न प्रदर्शनों के माध्यम से टीम ने भूकंप के दौरान और उसके बाद मे बरतने वाली सावधानियों के बारे मे भी जानकारी दी।
एनडीआरएफ सदस्यों ने उपकरणों का इस्तेमाल करते हुए ध्वस्त इमारत से रोप रेस्क्यू और इमरजेंसी रोप स्ट्रेचर की सहायता से घायल व्यक्तियों को ऊंची इमारत से स्लाइड करते हुए बाहर निकाला। रेस्क्यू ने विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल करते हुए इमारत पर चढ़ने और घायलों को निकालने के तरीकों और एनडीआरएफ की कार्यकुशलता के बारे मे भी प्रदर्शन से समझाया।
भूकंप आपदा संकट की स्थिति के अभ्यास कमांडेंट 11वीं वाहिनी मनोज कुमार शर्मा एनडीआरएफ वाराणसी के निर्देश पर दिनेश कुमार, असिस्टेंट कमांडेंट के नेतृत्व में हुआ। दिनेश कुमार ने बताया कि भूकंप जैसी भयावह आपदा मे गोल्डेन आवर में ही यदि सभी एजेंसियां एक साथ मिलकर काम करें तो जनहानि को कम किया जा सकता है। इसके अतिरिक्त ऐसी आपदाओं के दौरान ज्यादा भाग-दौड़ न मचाएं और ड्रॉप, होल्ड एंड कवर वाली नीति को आपनाएं तो नुकसान से बचा जा सकता है। मॉकड्रिल प्रदर्शन में संयुक्त कलेक्टर पीयूष भट्ट, कमांडेंट होमगार्ड करण सिंह ठाकुर, जिला सलाहकार आपदा प्रबंधन ऋषि गढ़वाल भी उपस्थित रहे। इस अभ्यास में जिले के पुलिस, पीडब्ल्यूडी, फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग, नेहरू युवा केंद्र, होमगार्ड आदि ने भी भाग लिया।