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मनमानी: कोरोना टेस्ट के दाम तय तो प्राइवेट लैब ने बंद किए होम सैंपल, रिपोर्ट देने में भी कर रहे देर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, भोपाल Published by: Tanuja Yadav Updated Sat, 17 Apr 2021 10:23 AM IST
सार

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कोरोना टेस्ट को लेकर जमीनी हकीकत सरकारी दावों से बेहद अलग है। यहां 14 लैब आरटी-पीसीआर टेस्ट कर रहे हैं। टेस्ट की कीमत तय करने के बाद भी सैंपल की संख्या नहीं बढ़ रही है।

Madhya Pradesh corona test reality state government fix the rtpcr test price 14 government and private lab conducting test
कोरोना टेस्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर) - फोटो : PTI

विस्तार

मध्यप्रदेश में कोरोना का प्रकोप तेजी से फैल रहा है। राज्य में कई जगहों पर शमशान घाट और कब्रिस्तान में शवों को जलाने और दफनाने के लिए जगह की कमी पड़ रही है। लेकिन मध्यप्रदेश की जनता सिर्फ कोरोना के संक्रमण से ही परेशान नहीं है बल्कि कोरोना टेस्ट की जमीनी हकीकत भी भयावह है। 



सैंपल टेस्ट की कीमत की तय लेकिन टेस्ट की संख्या घटी
राज्य सरकार ने दस दिन पहले ही लोगों की सहूलियत के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट की कीमत को 1,200 रुपये से घटाकर 700 रुपये कर दिया था। वहीं होम सैंपल कलेक्शन की कीमत भी 200 रुपये तय तक दी थी ताकि जांच की कीमत में मनमानी ना हो लेकिन जमीन पर इसका उलट हो रहा है। 


निजी लैब ने होम सैंपल लेने बंद कर दिए
भोपाल में 14 सरकारी और निजी लैब कोरोना टेस्ट की जांच कर रही हैं। अब तक आठ निजी लैब रोजाना 350 सैंपल की जांच कर रही थी लेकिन एक लैब तकनीकी दिक्कत के चलते बंद हो गई और दूसरी लैब को सरकार ने सील कर दिया। ऐसे में भोपाल में सिर्फ 6 लैब ही टेस्ट ले रही हैं। वहीं निजी लैब ने होम सैंपल लेने बंद कर दिए हैं, इसलिए हर दिन होने वाले 125 सैंपल भी अब कम हो गए हैं।

सरकार की ओर से तय की गई कीमत बेहद कम - निजी लैब
वहीं कुछ लैब ऐसी हैं जो सिर्फ रैपिड एंटीजन टेस्ट ही कर रही हैं। पांच अप्रैल को सरकार ने टेस्ट की कीमत तय कर दी थी, उसके बाद हर दिन सैंपल की संख्या 1,500-6,500 के बीच जा रही थी लेकिन अब ये फिर घट गई है। निजी लैब के संचालकों का कहना है कि सरकार ने टेस्ट की कीमत बहुत कम तय की हुई है। 

क्षमता से ज्यादा सैंपल कराने आ रहे लोग
भोपाल में 14 लैब हैं, जहां आरटीपीसीआर टेस्ट होता है। इनकी क्षमता करीब साढ़े तीन हजार सैंपल की है लेकिन रोजाना पांच हजार सैंपल मिल रहे हैं। इसमें आस-पास के शहरों के लोग भी सैंपल के लिए आते हैं। 

रिपोर्ट आने में हो रही देरी, तब तक दूसरे लोग हो रहे संक्रमित
बता दें कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कराने के बाद एक रिपोर्ट को आने में तीन से पांच दिन का समय लग रहा है। कई ऐसे मामले भी सामने आए, जहां रिपोर्ट आठ दिनों में आई। अब चिंता की बात यह है कि मरीज खुद को सुरक्षित समझकर बाहर घूम रहा है और दूसरे लोगों को संक्रमित कर रहा है। 

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