भोपाल में आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि बीते 24 घंटे के अंदर ही शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में से खुदकुशी के पांच मामले सामने आए हैं। इससे शहर में सनसनी भी मची हुई है। खुदकुशी करने वाले इन सभी लोगों ने अलग-अलग वजहों के चलते फांसी लगाई। इन सभी की उम्र 50 साल से कम बताई जा रही है। ये घटनाएं भोपाल के कोलार, पंचशील नगर, बैरसिया, निशातपुरा और बागसेवनिया में हुईं।
पहला मामला कोलार की साईंनाथ कॉलोनी निवासी कृषि विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश परिहार के फांसी लगाने का है। उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था, ‘मेरे पास कहने को कुछ नहीं है। डिप्रेशन से उबर नहीं पा रहा हूं। दम घुट रहा है। मेरे इस कदम के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं। सबका गुनहगार हूं, इसलिए मेरे लिए कुछ भी क्रिया कर्म न किया जाए। एक दिन जहां मिलूं, वहीं अंतिम संस्कार करके सब कुछ भूल जाना।’ पुलिस ने बताया कि 50 वर्षीय राजेश परिहार नींद न आने की कहकर साईंनाथ कॉलोनी के मकान में आए थे, जहां उन्होंने फांसी लगा ली।
पंचशील नगर में रहने वाले 33 साल के महेश चावरिया ने भी फांसी लगा ली। उनकी वृद्ध मां ने सबसे पहले बेटे का शव फंदे पर लटका हुआ देखा। कुछ दूर पर ही ससुर के घर में रह रहे छोटे बेटे केशव ने टीटी नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पता चला है कि पिता के निधन के बाद महेश की अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण लंबित है, जिसके चलते वह डिप्रेशन में थे।
दीक्षा नगर में बीकॉम कर रहे 20 साल के छात्र आकाश शर्मा ने भी सोमवार शाम अपने घर में फांसी लगा ली। आकाश बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के था। बागसेवनिया थाना एएसआई सूर्यनाथ यादव ने बताया कि छत पर बने कमरे में आकाश ने फांसी लगाई। उसने यह कदम क्यों उठाया, इसका पता नहीं चला।
आवास विकास कॉलोनी में 36 साल के देवी प्रसाद कुशवाहा ने भी फांसी लगा ली। निशातपुरा थाना एएसआई करण सिंह ने बताया कि सुबह उन्होंने पत्नी को मायके भेज दिया। इसके बाद मां को कॉल कर कहा, ‘अम्मा, अब मैं दिखूंगा नहीं।’ आधे घंटे बाद रिश्तेदार खाना लेकर पहुंचे तो देवी प्रसाद फंदे पर लटके मिले।
बैरसिया के दौजियाई गांव की 25 वर्षीय संजू ठाकुर ने भी फांसी लगा ली। उनके पति किसान हैं। एसआई नवीन कुमार ने बताया कि सात साल पहले महिला की शादी हुई थी। शुरुआती जांच में पता चला है कि संजू दो बार मां बन चुकी थी, लेकिन बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी। इससे वह अवसाद में रहती थी।
भोपाल में आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि बीते 24 घंटे के अंदर ही शहर के अलग-अलग थाना क्षेत्रों में से खुदकुशी के पांच मामले सामने आए हैं। इससे शहर में सनसनी भी मची हुई है। खुदकुशी करने वाले इन सभी लोगों ने अलग-अलग वजहों के चलते फांसी लगाई। इन सभी की उम्र 50 साल से कम बताई जा रही है। ये घटनाएं भोपाल के कोलार, पंचशील नगर, बैरसिया, निशातपुरा और बागसेवनिया में हुईं।
कोलार की साईंनाथ कॉलोनी में खुदकुशी
पहला मामला कोलार की साईंनाथ कॉलोनी निवासी कृषि विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर राजेश परिहार के फांसी लगाने का है। उनके शव के पास से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था, ‘मेरे पास कहने को कुछ नहीं है। डिप्रेशन से उबर नहीं पा रहा हूं। दम घुट रहा है। मेरे इस कदम के लिए मैं खुद जिम्मेदार हूं। सबका गुनहगार हूं, इसलिए मेरे लिए कुछ भी क्रिया कर्म न किया जाए। एक दिन जहां मिलूं, वहीं अंतिम संस्कार करके सब कुछ भूल जाना।’ पुलिस ने बताया कि 50 वर्षीय राजेश परिहार नींद न आने की कहकर साईंनाथ कॉलोनी के मकान में आए थे, जहां उन्होंने फांसी लगा ली।
अनुकंपा नियुक्ति का था इंतजार
पंचशील नगर में रहने वाले 33 साल के महेश चावरिया ने भी फांसी लगा ली। उनकी वृद्ध मां ने सबसे पहले बेटे का शव फंदे पर लटका हुआ देखा। कुछ दूर पर ही ससुर के घर में रह रहे छोटे बेटे केशव ने टीटी नगर पुलिस को घटना की जानकारी दी। पता चला है कि पिता के निधन के बाद महेश की अनुकंपा नियुक्ति का प्रकरण लंबित है, जिसके चलते वह डिप्रेशन में थे।
छत पर बने कमरे में लगाई फांसी
दीक्षा नगर में बीकॉम कर रहे 20 साल के छात्र आकाश शर्मा ने भी सोमवार शाम अपने घर में फांसी लगा ली। आकाश बेहद धार्मिक प्रवृत्ति के था। बागसेवनिया थाना एएसआई सूर्यनाथ यादव ने बताया कि छत पर बने कमरे में आकाश ने फांसी लगाई। उसने यह कदम क्यों उठाया, इसका पता नहीं चला।
‘अम्मा, अब मैं दिखूंगा नहीं’
आवास विकास कॉलोनी में 36 साल के देवी प्रसाद कुशवाहा ने भी फांसी लगा ली। निशातपुरा थाना एएसआई करण सिंह ने बताया कि सुबह उन्होंने पत्नी को मायके भेज दिया। इसके बाद मां को कॉल कर कहा, ‘अम्मा, अब मैं दिखूंगा नहीं।’ आधे घंटे बाद रिश्तेदार खाना लेकर पहुंचे तो देवी प्रसाद फंदे पर लटके मिले।
बच्चे नहीं रहे तो अवसाद में गई
बैरसिया के दौजियाई गांव की 25 वर्षीय संजू ठाकुर ने भी फांसी लगा ली। उनके पति किसान हैं। एसआई नवीन कुमार ने बताया कि सात साल पहले महिला की शादी हुई थी। शुरुआती जांच में पता चला है कि संजू दो बार मां बन चुकी थी, लेकिन बच्चों की जान नहीं बचाई जा सकी। इससे वह अवसाद में रहती थी।