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बिजलीकर्मियों की हड़ताल: उपभोक्ता परिषद ने कारपोरेशन पर 700 करोड़ का दावा ठोका, आयोग में दाखिल की याचिका

अमर उजाला नेटवर्क, लखनऊ Published by: ishwar ashish Updated Mon, 20 Mar 2023 07:28 PM IST
सार

बिजली कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर उपभोक्ता परिषद ने कारपोरेशन पर 700 करोड़ रुपये का दावा ठोका है और नियामक आयोग में याचिका दाखिल की है।

UP Upbhokta Prishad filed petition against Vodut corporation.
प्रतीकात्मक तस्वीर - फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

प्रदेश में हुई बिजली हड़ताल से हुए उपभोक्ताओं के नुकसान के लिए नियामक आयोग में सोमवार को याचिका दायर कर दी गई है। इसमें करीब सात सौ करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा गया है। यह मुआवजा उपभोक्ताओं के बिजली बिल में देने की मांग की गई है।



उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने सोमवार को विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आरपी सिंह से मुलाकात कर पूरी स्थिति की जानकारी दी। इसके बाद स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन 2019 के तहत विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने के लिए लोक महत्व याचिका दायर की। बताया कि सभी बिजली कंपनियों में पांच दिन चले कार्य बहिष्कार और हड़ताल से उद्योग, कल कारखाने बंद रहे। इससे उपभोक्ताओं का करीब सात सौ करोड़ का नुकसान हुआ है। इसका कॉरपोरेशन की ओर से भी आकलन कराया जाए।


उन्होंने बताया कि उपभोक्ताओं को मोबाइल चार्ज करने, पानी के लिए पंप चलाने सहित अन्य सभी कार्य के लिए जनरेटर का सहारा लेना पड़ा। अकेले विद्युत उत्पादन इकाइयां बंद होने से करीब 100 करोड़ का नुकसान हुआ। इसका भी खामियाजा उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ा। हड़ताल में जिन विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग डेट रही होगी और वह बिजली का भुगतान नहीं कर पाए हैं, उनकी बिलिंग डेट को आगे बढ़ाया जाए। ऐसे उपभोक्ताओं से सरचार्ज की वसूली न की जाए। उपभोक्ताओं को बिजली नहीं देने के एवज में उनका फिक्स्ड चार्ज अथवा डिमांड चार्ज न वसूला जाए। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने आश्वासन दिया कि उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा की जाएगी। उनके नुकसान की भरपाई कराने पर विचार किया जाएगा। विद्युत नियामक आयोग प्रावधानों के अनुसार रिपोर्ट मंगा कर जनहित में कार्रवाई करेगा।

कॉरपोरेशन ने भी शुरू कराया आकलन
प्रदेश में कार्य बहिष्कार एवं हड़ताल से हुए नुकसान को लेकर कॉरपोरेशन ने सभी कंपनियों से आकलन करने के लिए कहा है। सूत्रों का कहना है कि हाईकोर्ट में दाखिल रिपोर्ट में करीब दो हजार करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान बताया गया है। अब इसकी निगमवार रिपोर्ट तैयार करने का निर्देश दिया गया है।

हड़ताल के दौरान बंद हुई अनपरा की पांच सौ मेगावाट और ओबरा की 200 मेगावाट की इकाई रविवार देर रात शुरू हो गई है। अब अनपरा की 200 मेगावाट की एक इकाई को शुरू करने की तैयारी है। इसे सोमवार देर रात तक शुरू कर दिया जाएगा। विभागीय अफसरों के मुताबिक हड़ताल के दौरान कई जगह फीडर को नुकसान पहुंचाया गया है। इसी तरह अर्थ फाल्ट की घटनाएं भी सामने आई हैं। इन सूचनाओं का नए सिरे से आकलन कराया जा रहा है। हड़ताल के दौरान हुए नुकसान के बारे में सभी निगमों से तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी गई है। रिपोर्ट मिलने के बाद वास्तविक नुकसान की रिपोर्ट शासन और हाईकोर्ट को दी जाएगी। इसके बाद नुकसान की भरपाई के लिए कदम उठाए जाएंगे।

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