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UP News : प्रशांत कुमार समेत छह एडीजी बने स्पेशल डीजी, नए डीजीपी का मुकाबला हुआ रोमांचक

अमर उजाला ब्यूरो, लखनऊ Published by: पंकज श्रीवास्‍तव Updated Thu, 30 Mar 2023 10:52 PM IST
सार

बृहस्पतिवार को हुए इस अहम फैसले के बाद नये डीजीपी के चयन के लिए अफसरों के बीच मुकाबला रोमांचक हो गया है। चर्चा है कि कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने पर राज्य सरकार प्रशांत कुमार पर भरोसा जता सकती है।

UP News: Many DGs will be thrown out in the new proposal, Prashant Kumar may get charge after DS Chauhan
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार। - फोटो : amar ujala

विस्तार

शासन ने वर्ष 1990 बैच के छह एडीजी रैंक के अफसरों को स्पेशल डीजी के पद पर प्रोन्नत कर दिया। डीजी के पद रिक्त न होने से 1990 बैच के अधिकारी पदोन्नति के बिना सेवानिवृत्त हो रहे थे, जिसकी वजह से उनको प्रोन्नत किया गया है। बृहस्पतिवार को हुए इस अहम फैसले के बाद नये डीजीपी के चयन के लिए अफसरों के बीच मुकाबला रोमांचक हो गया है। चर्चा है कि कार्यवाहक डीजीपी डीएस चौहान के शुक्रवार को सेवानिवृत्त होने पर राज्य सरकार प्रशांत कुमार पर भरोसा जता सकती है।



विभागीय प्रोन्नति समिति की बैठक में 1990 बैच के एडीजी क्राइम मनमोहन कुमार बशाल, एडीजी प्रशिक्षण तनूजा श्रीवास्तव, एडीजी मानवाधिकार एसके माथुर, एडीजी पीटीएस अंजू गुप्ता, एडीजी साइबर क्राइम सुभाष चंद्रा और एडीजी कानून-व्यवस्था प्रशांत कुमार को स्पेशल डीजी बनाया गया है। भविष्य में डीजी के पद रिक्त होने पर इनका समायोजन होता जाएगा और अंत में इन पदों को समाप्त माना जाएगा। बताते चलें कि 1990 बैच के संदीप सालुंके, रेणुका मिश्रा, बिजय कुमार मौर्या, सत्य नारायन साबत, अविनाश चंद्रा, डॉ. संजय एम. तरड़े पहले ही डीजी बन चुके हैं। पद रिक्त न होने की वजह से हाल ही में एडीजी जोन लखनऊ बृजभूषण बिना डीजी बने सेवानिवृत्त हो गए थे। उल्लेखनीय है कि इससे पहले पूर्ववर्ती बसपा सरकार में एडीजी कानून-व्यवस्था रहे बृजलाल को स्पेशल डीजी बनाने का निर्णय लिया गया था। वर्तमान भाजपा सरकार में भी इसका प्रस्ताव कई दिनों से विचाराधीन था जिस पर बृहस्पतिवार को फैसला ले लिया गया।


रोचक होता जा रहा मुकाबला
नये डीजीपी के चयन के लिए नए समीकरण बनते जा रहे हैं। दरअसल, राज्य सरकार ने अभी तक नये डीजीपी के चयन के लिए प्रस्ताव संघ लोक सेवा आयोग नहीं भेजा है। एक अप्रैल के बाद प्रस्ताव भेजने पर चार डीजी रैंक के अधिकारी बाहर हो जाएंगे। चयन प्रस्ताव में डीजी भर्ती बोर्ड आरके विश्वकर्मा, डीजी प्रशिक्षण अनिल कुमार अग्रवाल और डीजी विशेष जांच चंद्र प्रकाश-1 का नाम नहीं होगा। क्योंकि इनकी सेवानिवृत्ति में छह माह से कम समय बाकी है। ऐसे में आयोग को भेजे जाने वाले प्रस्ताव में वरिष्ठता के क्रम में पूर्व डीजीपी मुकुल गोयल, डीजी जेल आनंद कुमार और डीजी सीबीसीआईडी विजय कुमार का नाम शीर्ष पर रहेगा। हालांकि यदि राज्य सरकार इससे इतर जाकर प्रशांत कुमार को कार्यवाहक डीजीपी बना देती है तो हैरत की बात नहीं होगी।

नहीं होगी विदाई परेड
डीएस चौहान के सेवानिवृत्त होने पर विदाई परेड का आयोजन नहीं होगा। हालांकि विदाई परेड को लेकर कोई नियम नहीं है। इसे परंपरा के रूप में डीजीपी के सम्मान में आयोजित किया जाता रहा है। माना जा रहा है कि कार्यवाहक डीजीपी होने की वजह से जिस तरह डीएस चौहान ने दस माह 18 दिन के कार्यकाल में डीजीपी को दी जाने वाली कोई सुविधा नहीं ली, उसी तरह उन्होंने विदाई परेड की औपचारिकता से भी दूर रहना ही उचित समझा। पर यह भी चर्चा है कि सेवानिवृत्त होने के बाद राज्य सरकार उनको सुरक्षा सलाहकार बनाने की तैयारी में है।

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